पंजाब सरकार ने दी जल स्रोत ऑर्डिनेंस-2019 को मंजूरी
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पंजाब सरकार ने दी जल स्रोत ऑर्डिनेंस-2019 को मंजूरी

इस बिल में पंजाब वॉटर रेगूलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी स्थापित करने का प्रस्ताव है.

अब ‘पंजाब जल स्रोत (प्रबंधन और नियम) बिल, 2020’ के तौर पर कानूनी रूप देने की तैयारी है.

चंडीगढ़: जल स्रोतों का प्रभावशाली ढंग से प्रबंधन और नियंत्रण करने के मद्देनजऱ पंजाब सरकार ने गुरुवार को पंजाब जल स्रोत (प्रबंधन और नियम) ऑर्डि‍नेंस 2019 को मंजूरी दे दी. इसी के साथ ‘द रेगूलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी’ स्थापित करने का रास्ता साफ कर दिया. इस ऑर्डि‍नेंस को मंत्रि‍मंडल ने पहले 4 दिसंबर, 2019 को अपनी मीटिंग में मंज़ूरी दी थी, अब ‘पंजाब जल स्रोत (प्रबंधन और नियम) बिल, 2020’ के तौर पर कानूनी रूप देने की तैयारी है.

इस बिल में पंजाब वॉटर रेगूलेशन एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी स्थापित करने का प्रस्ताव है जिसमें सरकार द्वारा नियुक्त किया एक चेयरमैन और दो अन्य मैंबर शामिल होंगे. यह अथॉरिटी राज्य के जल स्रोतों के प्रबंधन और परिवर्तन के लिए निर्णायक, समान और उचित संचालन के लिए जि़म्मेदार होगी और जल स्रोतों हेतु ज़रूरी सुधार और उपाय करने के लिए समर्थ होगी.

अथॉरिटी को जल स्रोतों के  संरक्षण और प्रबंधन के मद्देनजऱ दिशा- निर्देश जारी करने के साथ-साथ घरेलू, व्यापारिक या औद्योगिक प्रयोग के लिए पेयजल की सप्लाई करने वाली संस्थाओं द्वारा वसूली जाने वाली दरों को निश्चित करने सम्बन्धी टैरिफ ऑर्डर जारी करने के लिए भी अधिकार दिए जाएंगे.

बिल में जल स्रोतों संबंधी एक सलाहकार कमेटी के गठन का प्रस्ताव भी दिया गया है जिसको सरकार द्वारा नोटीफाई किया जाना है. इसमें अथॉरिटी को सलाह देने के लिए अलग -अलग सरकारी विभागों के माहिर और पूर्व अधिकारी शामिल होंगे. अथॉरिटी अपने आप माहिरों को भी शामिल कर सकती है.

इस अथॉरिटी के पास एक अलग फंड होगा और इसको कायम रखना ज़रूरी होगा जिसको पंजाब वॉटर रैगूलेशन एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी फंड कहा जायेगा, जिसमें पंजाब सरकार द्वारा अनुदान जमा किया जाएगा.

इस बिल में सरकार को अधिकार दिया गया है कि वह लोक हित से जुड़ी नीतियों के मामलों में अथॉरिटी को लिखित रूप में आम या ख़ास दिशा- निर्देश जारी कर सकती है और अथॉरिटी ऐसे निर्देशों की पालना करने और कार्यवाही करने के लिए वचनबद्ध होगी.

दरों को तय सरकार द्वारा निर्धारित नीति के अनुसार अथॉरिटी द्वारा किया जायेगा. यह कदम इस तथ्य से प्रेरित है कि कृषि और अन्य ज़रूरतों के लिए भूजल का अधिक से अधिक प्रयोग करने के कारण भूजल का स्तर बहुत तेज़ी से कम हो रहा है.

इसके अलावा ओद्योगीकरण और शहरीकरण के कारण पैदा हुए प्रदूषण के कारण पानी की गुणवत्ता में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की जा रही है.. इससे आम जनजीवन के लिए पानी और पीने वाले साफ़ पानी तक की कमी भी देखी गई है.

इस दौरान मंत्रीमंडल ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए भूमी और जल संरक्षण विभाग की प्रशासनिक रिपोर्ट को भी मंजूरी दे दी है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण नियमपंजाब मंत्रिमंडल द्वारा स्वास्थ्य विभाग से संबंधित लिए गए एक अन्य फ़ैसले में दर्जा 4 कर्मचारियों जिन्होंने मल्टीपर्पज़ हैल्थ वर्कर में डिप्लोमा पूरा किया है, को मल्टीपर्पज़ हैल्थ वर्करज़ (पुरूष) की सीधी भर्ती में 1 प्रतिशत तरक्की कोटा मुहैया करवाने के लिए पंजाब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तकनीकी (ग्रुप-सी) सेवा नियम, 2016 में संशोधन करने की भी मंजूरी दे दी है.

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