दोनों नगर निगमों के दावों पर दिल्ली सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है और मामले की सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख मुकर्रर की है .
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नई दिल्ली: उत्तर और पूर्वी दल्ली नगर निगम ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आप सरकार की ओर से उन्हें जारी 1100 करोड़ रूपये से अधिक की राशि अपर्याप्त है और यह पंचम दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार नहीं है.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव ने दोनों नगर निगमों के दावों पर दिल्ली सरकार से जवाब दाखिल करने के लिए कहा है और मामले की सुनवाई के लिए सात मार्च की तारीख मुकर्रर की है .
अदालत ने दोनों निगमों को इस राशि का इस्तेमाल कर्मचारियों के वेतन भुगतान और अवकाश प्राप्त कर्मचारियों के पेंशन भुगतान के लिए करने का निर्देश दिया . निगम की ओर से अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल संजय जैन अदालत में पेश हुए थे .
दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए इसके अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता सत्यकाम ने अदालत को बताया कि चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार पूर्वी दिल्ली नगर निगम और उत्तर दिल्ली नगर निगम को सरकार ने क्रमश: 632.05 करोड़ और 472. 43 करोड़ रूपये जारी किये हैं .
इससे पहले पिछले साल 16 अप्रैल को अदालत ने दिल्ली सरकार को चौथे दिल्ली वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार चार हफ्ते के भीतर एक नवंबर 2017 से 31 मार्च 2018 तक की राशि जारी करने का निर्देश दिया था .
अदालत ने कहा था कि वेतन सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है .
(इनपुट- भाषा)