जाफराबाद और सीलमपुर हिंसा पर अमन कमिटी के चैयरमैन डॉक्टर परवेज मियां ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, 'मैं अपील करता हूं कि प्रदर्शन करने आए लोग अपने घरों में जाएं. आप लोग एनआरसी और नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हैं. आपके प्रदर्शन से सरकार समझ चुकी है कि आप इसके खिलाफ हैं. प्रदर्शन में कुछ शरारती तत्वों ने गलत काम किया है.'
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नई दिल्ली: जामिया नगर इलाके में हुए बवाल की आग अभी शांत भी नहीं हुई थी कि तीसरे दिन मंगलवार की दोपहर में उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में हिंसा फैल गई. हिंसा की शुरुआत जाफराबाद और सीलमपुर इलाके से करीब दो बजे के आसपास हुई. देखते-देखते हिंसा और आगजनी वेलकम, शास्त्री पार्क इलाकों में फैल गई. अब यह मामला शांत होता दिख रहा है. अमन कमिटी के चैयरमैन डॉक्टर परवेज मियां ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा, 'मैं अपील करता हूं कि प्रदर्शन करने आए लोग अपने घरों में जाएं. आप लोग एनआरसी और नागरिक संशोधन कानून के खिलाफ हैं. आपके प्रदर्शन से सरकार समझ चुकी है कि आप इसके खिलाफ हैं. प्रदर्शन में कुछ शरारती तत्वों ने गलत काम किया है.' उधर, पुलिस ने जाफराबाद सड़क पर आवाजाही खोल दी है.
आला अफसर से जानिए पूरा मामला
एडिशनल डीसीपी नॉर्थ-ईस्ट आरपी मीणा ने बताया कि आज (मंगलवार) सुबह 11 बजे जाफराबाद सीलमपुर इलाके में पहले 50 से 60 लोग इकट्ठा हुए थे. उसके बाद भीड़ बढ़ती गई, जिसके बाद जाफराबाद चौक और मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास करीब 2 से 3000 लोग इकट्ठा हो गए.
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उन्होंने बताया, 'सीलमपुर टी पॉइंट पर पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की. उन्होंने हमारी बात मान भी ली. वे गलियों में जा रहे थे, उसी वक्त कूछ लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. पुलिसकर्मियों को चोट आई है. आम लोगों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की गई है. भीड़ ने पुलिस बूथ में आग लगा दी. क्या ये सब प्लानिग के तहत किया गया, इसकी जांच की जा रही है. भीड़ की ओर से जमकर पत्थरबाजी की गई. फुटेज मिले हैं. हमारे पास मोबाइल कैमरे थे. आज हमें बिना बताए ये प्रदर्शन शुरू हुआ. हवाई फायरिंग जरूर हुई आंसू गैस के गोले छोड़े गए पर किसी को भी फायरिंग से गोली नहीं लगी है. लोग कानून का पालन करें.'
हमलावरों ने स्कूल बस में की तोड़फोड़
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, "हिंसा की शुरुआत एक स्कूल बस पर हमले से हुई. हमलावरों ने पथराव करके बस के शीशे चकनाचूर कर दिए. इसके बाद भीड़ ने राहगीरों को निशाना बनाना शुरू किया. उपद्रवियों के हमले से बचने के लिए राहगीरों ने वाहन छोड़कर मौके से जान बचाने के लिए भागना शुरू कर दिया."
इलाके में हिंसा की खबर फैलते ही उपद्रवियों की भीड़ बढ़ती गई. भीड़ ने उत्तर पूर्वी जिला डीसीपी कार्यालय के आसपास जमकर पथराव किया. जाफराबाद थाने के बाहर पार्किं ग में खड़े वाहनों को आग लगा दी.
अफवाह फैलाकर जुटाई गई भीड़
हिंसा के दौरान अफवाहों को भी हवा दी जाती रही. इससे भी माहौल खराब होता रहा. अचानक आई आफत से निपटने के लिए जिला पुलिस बिल्कुल तैयार नहीं थी. हिंसा फैलने के बाद अतिरिक्त जिलों से तथा रिजर्व पुलिस फोर्स को भी मौके पर बुलाया गया. जब तक अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर पहुंचता, हालात बेहद बिगड़ चुके थे.
उपद्रवियों के हमले से दिल्ली पुलिसकर्मी भी खुद को नहीं बचा पाए. हमले में कई लोगों के घायल होने की खबर है. घायलों को पुलिस वाले इलाज के लिए ले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे, क्योंकि भीड़ सीधे-सीधे पुलिस और आम नागरिकों को ही निशाने पर लेने पर उतारू थी.
पुलिस ने लाठियां भांजी तो भीड़ उग्र हो गई
कुछ देर बाद पुलिस ने लाठियां भांजकर भीड़ को खदेड़ने की नाकाम कोशिश भी की. इससे गुस्साई भीड़ पुलिस पर दोबारा पथराव करने लगी. इस हमले के दौरान पुलिस वाले भीड़ को लाउडस्पीकरों पर शांत रहने और पीछे हट जाने की अपील करती सुनी गई.
इस हिंसा में कितने आम लोग और कितने पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं. कितने वाहनों को नुकसान हुआ है? अभी मौके पर बने हालातों में यह बता पाना या तय कर पाना मुश्किल है. हां, नुकसान काफी हुआ है. घायलों में से ज्यादातर खुद ही अस्पताल में इलाज के लिए अपनों के साथ जाते देखे गए.
बंद करने पड़े मेट्रो स्टेशन
जाफराबाद, सीलमपुर, वेलकम, शास्त्री पार्क में फैली हिंसा के चलते मेट्रो के भी कई स्टेशन एहतियातन तुरंत बंद कर दिए गए. मंगलवार को आईएएनएस से बात करते हुए दिल्ली पुलिस मेट्रो रेल डीसीपी हेमेंद्र सिंह ने कहा, "फिलहाल हालातों के मद्देनजर शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन बंद किया गया है." हालांकि कुछ देर बाद ही दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने अधिकृत ट्विटर एकाउंट के जरिये आसपास के कुछ अन्य मेट्रो स्टेशन बंद किए जाने की भी जानकारी दी.
खबर लिखे जाने तक दिल्ली के अन्य जिलों से बुलाया गया तथा रिजर्व पुलिस फोर्स हालातों पर काबू करने में ही जुटा दिखा दे रहा था. पुलिस के ढीले सुरक्षा इंतजामों का आलम यह था कि एक तरफ जब तक पुलिस भीड़ से निपट रही होती थी, तब तक भीड़ की बाकी टीमें अन्य स्थानों पर पहुंचकर पथराव करके, पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही भाग चुकी होती थीं.
हालात संभालने के लिए पुलिस ने ड्रोन की मदद ली
सूत्रों के मुताबिक, हालात बेकाबू और भीड़ को भारी पड़ता देख पुलिस ने पहली बार ड्रोन का भी इस्तेमाल किया, ताकि दूर से ही भीड़ का पता लगाकर पुलिस वहां पहुंचकर मोर्चा संभाल सके. ड्रोन को आसमान में उड़ते हुए तो देखा गया, मगर ड्रोन के इस्तेमाल की पुष्टि अभी तक दिल्ली पुलिस के किसी भी आला अफसर की ओर से नहीं की गई है.
उधर, मंगलवार शाम मध्य दिल्ली के दरियागंज, दिल्ली गेट व जामा मस्जिद इलाके में भी भीड़ के जुटने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं. हालांकि इस बाबत दिल्ली पुलिस ने अभी तक कोई पुष्ट जानकारी नहीं दी है.