देश के हर नागरिक का कुछ समय के लिए RSS में शामिल होना अनिवार्य हो- अनिल विज
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देश के हर नागरिक का कुछ समय के लिए RSS में शामिल होना अनिवार्य हो- अनिल विज

न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में विज ने कहा, 'पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम का न्‍योता स्‍वीकार किए जाने को अच्‍छा कदम है. 

हरियाणा के स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : हरियाणा के स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज का कहना है कि यह अनिवार्य होना चाहिए कि देश का हर नागरिक कुछ समय के लिए आरएसएस में जरूर शामिल हो. इसके साथ ही उन्‍होंने पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम का न्‍योता स्‍वीकार किए जाने को अच्‍छा कदम बताया

न्‍यूज एजेंसी ANI से बातचीत में विज ने कहा, 'पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यक्रम का न्‍योता स्‍वीकार किए जाने को अच्‍छा कदम है. आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो व्यक्ति के चरित्र को विकसित करता है. देश के हर नागरिक के लिए अनिवार्य होना चाहिए कि वह कुछ समय के लिए आरएसएस में जरूर शामिल हो.'

 

 

उल्‍लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रह चुके प्रणब मुखर्जी के यहां अगले माह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक कार्यक्रम में शामिल होने की उम्मीद है. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरूण कुमार ने बताया, 'हमने भारत के पूर्व राष्ट्रपति को इसके लिए आमंत्रित किया था और यह उनकी महानता है कि उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अपनी सम्मति दे दी है'.

मुखर्जी को आरएसएस के स्वयं सेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. यह कार्यक्रम सात जून को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने यहां कहा कि पूर्व राष्ट्रपति ने आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा, '7 जून को 25 दिन तक चलने वाला प्रशिक्षण पूर्ण हो जाएगा. इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित किया गया था और उन्होंने अपनी सहमति दे दी है. इस बारे में आधिकारिक घोषणा एक-दो दिन में की जाएगी'. 

उधर, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के मुद्दे पर कांग्रेस ने कुछ कहने से इंकार कर दिया, हालांकि पार्टी के पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने इसे ‘अटपटा’ करार देते हुए मुखर्जी के इस कदम पर सवाल खड़े कर दिए. दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में रहते हुए मुखर्जी हमेशा आरएसएस के विचारों के खिलाफ रहे तो आखिर वह इस संगठन के कार्यक्रम में क्यों शामिल हो रहे हैं. भाजपा ने मुखर्जी का बचाव किया कि आरएसएस कोई पाकिस्तान का आईएसआई नहीं है. यह राष्ट्रवादियों का संगठन है.

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