दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) की दवा की कमी पर केंद्र सरकार के वकील ने अजीब दलील दी. इस पर कोर्ट ने सरकार से अपनी नाराजगी जताई.
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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने ब्लैक फंगस (Black Fungus) की दवा की कमी पर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा का इस मुद्दे पर इतना शोर हो चुका है. फिर भी सरकार उसे नहीं सुनना चाहती तो उसकी मर्जी.
बताते चलें कि ब्लैक फंगस की दवा के मसले पर हाई कोर्ट (Delhi High Court) में जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ सुनवाई कर रही थी. केंद्र सरकार के स्थाई वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली एम्फोटेरिसिन बी की कोई कमी नहीं है. वकील ने दावा किया कि यह दवा बाजार में आसानी से उपलब्ध है और कोई भी पीड़ित इसे खरीद सकता है.
वकील के इस अजीबोगरीब दावे पर हाई कोर्ट (Delhi High Court) के जजों ने हैरानी जताई. कोर्ट ने कहा कि जब दवा बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है तो इतने लोगों की मृत्यु नहीं होनी चाहिए थी. इस पर वकील ने कहा कि लोग दवा की कमी की वजह से नहीं मर रहे. वे इसलिए मर रहे हैं क्योंकि ब्लैक फंगस (Black Fungus) अपने आप में खतरनाक है.
अदालत ने कहा कि ब्लैक फंगस से प्रभावित करीब एक तिहाई लोगों की मौत हो चुकी है. इस पर केंद्र सरकार के स्थाई वकील ने कहा कि लोग दवाओं की कमी की वजह से नहीं मर रहे. ऐसा होता तो देश में बहुत हंगामा और अफरा-तफरी मची होती.
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जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ को वकील की ये दलीलें रास नहीं आई. कोर्ट ने कहा कि , ‘ब्लैक फंगस (Black Fungus) की दवा की कमी पर पहले ही इतना शोर मच चुका है. इसके बाद भी अगर आप इसे सुनना नहीं चाहते तो आपकी मर्जी.’
सुनवाई के दौरान कोर्ट (Delhi High Court) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के प्रयासों पर संतोष प्रकट किया. ICMR ने ब्लैक फंगस के इलाज के विकल्पों पर दिशा-निर्देश जारी किए थे.
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