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Black hole

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Black Hole Growth Rate: ब्रह्मांड के सबसे विशालकाय ब्लैक होल आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाते हैं. इन्हें 'सुपरमैसिव ब्लैक होल' कहा जाता है. इस तरह के ब्लैक होल का द्रव्यमान सूर्य से करोड़ों-अरबों गुना ज्यादा होता है. हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे के केंद्र में भी एक सुपरमैसिव ब्लैक होल जिसे Sagittarius A* कहते हैं. ये सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे इतने विशालकाय बन जाते हैं? इस सवाल का जवाब खोजने के लिए, खगोल वैज्ञानिकों की एक टीम ने ब्रह्मांड के 13.8 अरब साल के इतिहास में पीछे जाकर देखा कि शुरुआती दिनों से लेकर आज तक विशालकाय ब्लैक होल कैसे विकसित हुए हैं. पता चला कि ब्लैक होल के विकास की रफ्तार धीमी पड़ रही है.
Jul 16,2024, 9:13 AM IST
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ब्रह्मांड के तमाम रहस्यों में से एक, 'डार्क मैटर' के बारे में हमें कुछ खास मालूम नहीं. वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में अब तक जो कुछ देखा है, उसके हिसाब से डार्क मैटर होना चाहिए. डार्क मैटर का पता लगाना लगभग नामुमकिन है क्योंकि यह सामान्य मैटर से बेहद कम प्रतिक्रिया करता है, करता भी है तो गुरुत्वाकर्षण के जरिए. गुरुत्वाकर्षण तो सबसे मजबूत ब्लैक होल का होता है. तो क्या डार्क मैटर में ब्लैक होल्स भी शामिल हैं? Nature और Astrophysical Journal Supplement में छपे दो नए रिसर्च पेपर इसी सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं. पोलैंड के वारसॉ विश्वविद्यालय की एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी के प्रेजेमेक मिरोज इन दोनों स्टडीज के लीड ऑथर हैं. उन्होंने अल्बर्ट आइंस्टीन (Albert Einstein) के 109 साल पुराने सिद्धांत पर आधारित तकनीक का प्रयोग किया.
Jun 26,2024, 22:19 PM IST
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Jan 1,2024, 23:50 PM IST
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