31 दिसंबर की रात दिल्ली की सुनसान सड़क पर अंजलि के साथ आखिर हुआ क्या था? सहेली ने सुनाई होटल के कमरे की ये कहानी..
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31 दिसंबर की रात दिल्ली की सुनसान सड़क पर अंजलि के साथ आखिर हुआ क्या था? सहेली ने सुनाई होटल के कमरे की ये कहानी..

Delhi Kanjhawala case: दिल्ली के कंझावला में 31 दिसंबर की रात कार के नीचे आकर मारी गई अंजलि की दोस्त ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने पुलिस के सामने खुलासा किया कि वह एक्सीडेंट के बाद क्यों भागी थी..

31 दिसंबर की रात दिल्ली की सुनसान सड़क पर अंजलि के साथ आखिर हुआ क्या था? सहेली ने सुनाई होटल के कमरे की ये कहानी..

Delhi Kanjhawala case: दिल्ली के कंझावला में 31 दिसंबर की रात कार से घसिटते हुए लड़की के मौत के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. आज मंगलवार को अंजलि का शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया. इस बीच अंजलि की दोस्त ने पुलिस के सामने चौंकाने वाले खुलासे किए. 31 दिसंबर की रात अंजलि के साथ उसकी दोस्त निधि भी थी. निधि ने मामले से जुड़े कई अनसुलझे सवालों का जवाब दिया है. आइये आपको बताते हैं निधि ने पुलिस के सामने क्या खुलासा किया. 

अंजलि की सहेली निधि ने पुलिस के सामने 31 दिसंबर की रात की एक-एक बात सामने रखी है. पुलिस अधिकारी के अनुसार घटना वाली रात अंजलि के साथ उसकी सहेनी निधि अपनी स्कूटी पर गई थी. लेकिन दुर्घटना में उसे कोई चोट नहीं आई. विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा कि वह (अंजलि की सहेली निधि) बहुत डरी हुई थी, इसलिए जब दुर्घटना हुई तो वह अपने दोस्त को छोड़कर भाग गई.

निधि ने कहा, "मैं उसे (अंजलि) केवल 15 दिनों से जानती थी लेकिन हम वास्तव में बहुत जल्दी दोस्त बन गए. हमने एक साथ नया साल मनाने का फैसला किया. 31 दिसंबर को उसने मुझे फोन किया और मुझे लेने सुल्तानपुरी आ गई. उसके बाद हम रोहिणी गए और वो मुझे अपने घर ले गई. फिर हम होटल गए."

निधि ने कहा कि वह और अंजलि रात करीब दो बजे होटल से निकले थे. "अंजलि गुस्से में थी. हम एक ट्रक के साथ दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे. मैंने उसे रुकने के लिए कहा लेकिन उसने कहा कि वह अब धीरे-धीरे चलेगी. इसके तुरंत बाद, हमारी स्कूटी एक करा से टकरा गई."  "वह चिल्ला रही थी. कार के अंदर मौजूद लोगों ने उसकी चीखें सुनीं, लेकिन वे नहीं रुके. उन्होंने जानबूझ कर दुर्घटना की."

निधि ने कहा कि अंजलि को बचाया जा सकता था अगर कार रुकी होती और वह उसकी मदद की होती. कार में बैठे लोगों ने कोशिश भी नहीं की. वे आगे बढ़ते रहे और उसके शरीर को घसीटते रहे. यह पूछे जाने पर कि उसने पुलिस को क्यों नहीं बताया, निधि ने कहा कि वह डर गई थी और वह पैदल ही घर वापस चली गई. उसने कहा, "मैं बहुत निराश हो गई. मेरे मन में केवल एक ही चीज थी कि घर वापस जाना है. मुझे लगा कि कार में सवार लोग अंततः कार को रोक देंगे और उसकी मदद करेंगे." उसने कहा, "मैं पुलिस को बताने के लिए अपने होश में नहीं थी. मैं डर गई थी कि कहीं दोष मुझ पर न आ जाए. जब पुलिस ने मुझसे संपर्क किया, तो मैंने उन्हें सब कुछ बता दिया."

1 जनवरी को क्या हुआ?

इवेंट मैनेजमेंट कंपनी में काम करने वाली 20 वर्षीय अंजलि 31 दिसंबर की शाम अमन विहार स्थित अपने घर से नए साल की पार्टी में शामिल होने के लिए निकली थी. 1 जनवरी की तड़के पुलिस को सूचना मिली कि ग्रे रंग की बलेनो एक शव को घसीट रही है. पुलिस को सुबह 4.11 बजे जोंटी गांव के हनुमान मंदिर के पास शव मिला. अंजलि के शरीर पर काफी चोट के निशान थे, कपड़े फटे हुए थे और दोनों पैर शरीर से अलग थे. अंजलि अपने परिवार की अकेली कमाने वाली थी.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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