Adani Hinderberg Case में Supreme Court में दायर हुई एक और याचिका
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Adani Hinderberg Case में Supreme Court में दायर हुई एक और याचिका

हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर शेयर बाजार में बचे बवाल के मद्देनजर अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर हुई है.

Adani Hinderberg Case में Supreme Court में दायर हुई एक और याचिका

नई दिल्ली: हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर शेयर बाजार में बचे बवाल के मद्देनजर अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका दायर हुई है. खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने इंडियन यूथ कांग्रेस के लीगल सेल के अध्यक्ष रुपेश सिंह भदौरिया के जरिये ये याचिका दाखिल की हैय

याचिका में अडानी पर लगे आरोपों की SFIO,SEBI, ED, Income Tax, DRI जैसी केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराए जाने की मांग की है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच की निगरानी की मांग भी की गई है.

अडानी हिंडनबर्ग केस में चौथी याचिका दायर
अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ये चौथी याचिका है. इोससे पहले वकील विशाल तिवारी, वकील एमएल शर्मा और कांग्रेस नेता जया ठाकुर इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके है. जया ठाकुर ने भी अपनी याचिका में अडानी और उसके सहयोगियों पर लोगों से लाखो करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाते सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है. इसके साथ ही उनकी याचिका में अडानी के शेयर ज्यादा कीमत पर खरीदने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और LIC की जांच की मांग की गई है. 

दर्ज याचिका में SC के रिटायर्ड जज 
वहीं वकील एम एल शर्मा की ओर से दायर याचिका में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की मंशा पर ही सवाल उठाते हुए एंडरसन और उसके भारत में मौजूद सहयोगियों के खिलाफ जांच की मांग की गई है. एम एल शर्मा की ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिये आपराधिक साजिश रची गई जिससे कि अडानी के शेयरों में आर्टिफिशियल तरीके से गिरावट लाकर खुद शॉट सेलिंग के जरिये मुनाफा कमाया जा सके. वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच की मांग की गई है.

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कोर्ट ने सरकार और सेबी से मांगे सुझाव 
अभी तक सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से जांच की मांग पर गौर करने के बजाए इस पर विचार किया है कि भविष्य में निवेशकों के हितों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है . कोर्ट ने इस पर सरकार और सेबी से सुझाव देने को कहा था जिनके जरिये मौजूदा नियामक तंत्र को मजबूत बनाया जा सके. जिससे कि भविष्य में ऐसे हालात फिर से पैदा न हो. कोर्ट ने इस बारे में सुझाव देने के लिए कमेटी के गठन पर भी विचार करने को कहा था.

17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में आगे होगी सुनवाई 
पिछले सोमवार को हुई सुनवाई में सरकार की ओर से SG तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि सरकार ऐसी कमेटी के गठन के लिए तैयार है, जो इस बारे में सुझाव दे. ये कमेटी निवेशकों के हितों को सुरक्षित रखने के मकसद से मौजूदा नियामक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव देगी. कोर्ट ने SG तुषार मेहता से कहा था कि वो बुधवार तक सीलबंद कवर में कमेटी के सदस्यों के बारे में सुझाव कोर्ट को सौंपे. शुक्रवार 17 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में आगे इस पर सुनवाई होनी है

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