SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, होमगार्ड ने खुदकुशी से पहले यहां छुपाया था सुसाइड नोट
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SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, होमगार्ड ने खुदकुशी से पहले यहां छुपाया था सुसाइड नोट

होमगार्ड ब्रजलाल की पत्नी का आरोप है कि सुसाइड नोट में SHO की प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या की बात लिखी थी. इसके बावजूद आला अधिकारियों ने SHO को क्लीनचिट दे दी थी. 

SHO के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, होमगार्ड ने खुदकुशी से पहले यहां छुपाया था सुसाइड नोट

नई दिल्ली : पांडव नगर थाने में गत वर्ष होमगार्ड की आत्महत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने तत्कालीन SHO विद्याधर सिंह पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. SHO पर आरोप है कि उसकी प्रताड़ना की वजह से होमगार्ड ब्रजलाल ने खुदकुशी की थी.

ब्रजलाल की पत्नी का आरोप है कि होमगार्ड ने सुसाइड नोट में SHO की प्रताड़ना की वजह से आत्महत्या की बात लिखी थी. इसके बावजूद आला अधिकारियों ने SHO को क्लीनचिट दे दी थी. किरण ने अदालत में शिकायत दी थी कि उसके पति ब्रजलाल ने 6 सितंबर 2021 को पांडव नगर थाने में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली थी.

पोस्टमार्टम के समय लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टर ने उसके अंडरवियर से सुसाइड नोट बरामद किया था. इसके बाद शिकायतकर्ता लगातार मुकदमा दर्ज कराने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगा रही थी, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. थक हार के किरण ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. 

किरण ने बताया कि अप्रैल 2021 में SHO ने पांडव नगर थाने में ड्यूटी ज्वॉइन की थी.इसके दो महीने बाद ही सब इंस्पेक्टर राहुल ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में भी इसी SHO पर प्रताड़ना के आरोप लगे थे. 

कोर्ट ने कहा, निष्पक्ष जांच की जाए 

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विनोद जोशी की कोर्ट ने SHO के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज करने को कहा. कोर्ट ने पूर्वी जिला दिल्ली पुलिस के डीसीपी को कहा है कि वह इस मामले में तत्काल केस दर्ज कर किसी सीनियर अधिकारी से जांच कराएं. तफ्तीश निष्पक्ष और संतोषजनक होनी चाहिए. 

पुलिस को लगाई फटकार 

अदालत ने कल्याणपुरी इलाके के तत्कालीन एसीपी से शिकायतपत्र पर जवाब मांगा. इस पर एसीपी ने कहा कि उन्होंने जांच की थी, लेकिन SHO के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला था. इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई. अदालत ने पुलिस को फटकारते हुए कहा कि उन्होंने बगैर मुकदमा दर्ज किए किस कानून के तहत जांच की और कथित आरोपी को क्लीनचिट दी. कोर्ट ने यह भी कहा कि सुसाइड नोट फोरेसिंक जांच के लिए भेजा गया है, .जब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आती तब तक क्लीनचिट कैसे दी गई.

सीसीटीवी/सीडीआर की जांच होगी

अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारी सीसीटीवी फुटेज और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अन्य के मोबाइल रिकार्ड (सीडीआर) को जब्त कर इनकी जांच करें. यह देखें कि कहीं इनके साथ छेड़खानी तो नहीं की गई, क्योंकि यह मामला पुलिस के एक अधिकारी के खिलाफ है. ऐसे में इसे प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है.

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