Delhi News: बख्तावरपुर गांव के आस-पास कई इलाकों में वॉटर वॉल्व के पास गंदे नाले का पानी रिसाव होकर जल जमाव होता है और पाइपलाइन में गंदा पानी प्रवेश कर जाता है, जिसके चलते वह गंदा जल बोर्ड के पानी की सप्लाई के साथ लोगों के घर तक पहुंचता है, जिससे कई बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है.
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Delhi News: राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी को साफ कर उसकी गुणवत्ता चेक करके ही दिल्लीवासियों को पीने का पानी सप्लाई किया जाता है, लेकिन दिल्लीवासियों तक वह पानी साफ व स्वच्छ सुरक्षित नहीं पहुंच पाता है. क्योंकि जल बोर्ड की लापरवाही के चलते जल बोर्ड की पाइपलाइन द्वारा गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है.
बख्तावरपुर गांव के आस-पास कई इलाकों में वॉटर वॉल्व के पास गंदे नाले का पानी रिसाव होकर जल जमाव होता है और पाइपलाइन में गंदा पानी प्रवेश कर जाता है, जिसके चलते वह गंदा जल बोर्ड के पानी की सप्लाई के साथ लोगों के घर तक पहुंचता है, जिससे कई बीमारी होने का खतरा मंडरा रहा है.
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दिल्ली के बख्तावरपुर इलाके में जलबोर्ड की बड़ी लापरवाही जहां से जलबोर्ड की बड़ी वॉटर पाइप लाइन में लगे वाटर वाल को खोल कर रिहायशी इलाकों में पीने के पानी की सप्लाई का काम किया जाता है. वहीं से लोगों को मिलता है पीने का गंदा पानी. क्योकि, जहां पर पीने के पानी की सप्लाई का वॉल्व लगा हुए है ठीक उसी के बराबर में गंदा नाला है, जिसका पानी वाटर वाल के चारों तरफ भर जाता है और फिर वह धीरे-धीरे जल बोर्ड की पाइप लाइन में प्रवेश करने लगता है.
जब जल बोर्ड के कर्मचारियों द्वारा पानी की सप्लाई की जाती है तब वहीं गंदा पानी भी पीने के पानी में मिक्स होकर लोगों के घरों तक पहुंचता है, जिसके चलते अब स्थानीय निवासी जल बोर्ड के अधिकारियों से बेहद ही नाराज नजर आ रहे है. वहीं जहां इन वॉटर वॉल के पॉइंट बनाए गए हैं वहां पर 4 फीट गहरे खड्डे जगह-जगह होते हैं, जिनमें हमेशा पानी भरा रहता है. उसमें डेंगू चिकुनगुनिया मलेरिया जैसी घातक बीमारी को दावत देने वाले मच्छर भी बना रहे हैं, जिसपर प्रशासनिक अधिकारियों का कोई संज्ञा नहीं है.
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आपको बता दें स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या को लेकर पत्राचार किया. वह जल बोर्ड के अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन इस समस्या का संज्ञान कोई नहीं दे रहा है. देखने में है समस्या बहुत ही छोटी है, लेकिन इस समस्या के साइड इफेक्ट बहुत ही बड़े हैं. जोकि लोगों को एक घातक बीमारी की तरफ ले जा रहे हैं. जरूरत है प्रशासनिक अधिकारी संज्ञान ले और समस्या का समाधान समय रहते करें.
(इनपुटः नसीम अहमद)