दिल्ली में गहराया जल संकट, यमुना नदी सूखने की कगार पर, सरकार की जनता से गुहार, बोली- पानी को बर्बाद न होने दें
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दिल्ली में गहराया जल संकट, यमुना नदी सूखने की कगार पर, सरकार की जनता से गुहार, बोली- पानी को बर्बाद न होने दें

दिल्ली में एक बार फिर जल संकट गहरा राता जा रहा है. यमुना नदी सूखती जा रही है और बरसात की फिलहाल कोई उम्मीद भी नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत ना हो उस को लेकर पिछले कई सालों से कई बड़े पायलट प्रोजेक्ट और वाटर रिसोर्सेज बॉडी बना कर तैयार भी कर रहे हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत से राहत मिल सके.

दिल्ली में गहराया जल संकट, यमुना नदी सूखने की कगार पर, सरकार की जनता से गुहार, बोली- पानी को बर्बाद न होने दें

नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर जल संकट गहरा राता जा रहा है. यमुना नदी सूखती जा रही है और बरसात की फिलहाल कोई उम्मीद भी नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्लीवासियों को पानी की किल्लत ना हो उस को लेकर पिछले कई सालों से कई बड़े पायलट प्रोजेक्ट और वाटर रिसोर्सेज बॉडी बना कर तैयार भी कर रहे हैं, जिससे लोगों को पानी की किल्लत से राहत मिल सके.

दिल्ली में गर्मी इस कदर है कि तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा चुका है. ज्यादा गर्मी होने के चलते तालाब, झील व नदियों का पानी धीरे-धीरे सूखता जा रहा है. यमुना नदी का जलस्तर कम होने लगा है और दिल्ली में जल संकट गहरा रहा है. तस्वीरों में जो जगह हम आपको दिखा रहे हैं यह हैरान कर देने वाली पल्ला गांव से जगह जंगत पुर गांव के पास यमुना किनारे यहां पर एक फ्लड बोर्ड भी लगा हुआ. जिस पर फ्लड विभाग की तरफ से चेतावनी लिखी हुई है सावधान आगे पानी गहरा है कृपया करके पानी के पास ना जाए.

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लेकिन, तस्वीरों में देखिए इस नदी के अंदर छोटे-छोटे बच्चे नहा रहे हैं और यमुना नदी को एक छोर से दूसरे छोर तक लोग पैदल ही यमुना नदी पार कर रहे हैं. तस्वीरें देखकर आप हैरान होंगे यह वही यमुना नदी है जो कभी पानी से लबालब भरी रहती थी, लेकिन आज गर्मी के चलते बरसात ना होने की वजह से पानी सूख रहा है. यमुना नदी का जलस्तर लगातार डाउन हो रहा है और यमुना नदी कहीं ना कहीं सूखने की कगार पर है.

अगर दिल्ली में बरसात नहीं होती या हथिनी कुंड बैराज से पानी यमुना नदी में नहीं छोड़ा जाता है तो दिल्ली में जल संकट आ सकता है. यमुना नदी का घटता यह जल स्तर सबसे अधिक असर पल्ला, बख्तावरपुर, हिरणकी, तिगीपुर, हमीरपुर, बकौली, होलंबी कला, सनोट, बवाना, सिविल लाइन, बाड़ा हिंदूराव, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग पहाड़ गंज, न्यू राजेंद्र नग, पटेल नगर, बलजीत नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंद पुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, रामलीला ग्राउंड, दिल्ली गेट, माडल टाउन, मूल चंद, ग्रेटर फैलाश बुराड़ी, छावनी और दक्षिणी दिल्ली के अन्य इलाकों में रहेगा.

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दिल्ली सरकार की तरफ से आम जनता को सलाह दी जा रही कि वह आवश्यकतानुसार पानी भरकर रखे और पानी को बर्बाद न होने दें. अक्सर दिल्ली में मई, जून, जुलाई के महीने में पानी का गहरा संकट दिल्ली पर रहता है. पानी की किल्लत से लोग परेशान होते हैं. दिल्ली सरकार कहीं ना कहीं से लोगों को पानी मुहैया कराने की जद्दोजहद में लगी रहती है. ऐसी समस्या से निपटारा पाने के लिए दिल्ली सरकार ने कई पायलट प्रोजेक्ट और बदहाल तालाब व झीलों को पुनः विकसित करने के लिए का काम भी शुरू किया हुआ है.

कहीं ना कहीं इस बार दिल्ली में वाटर लेवल गर्मी के चलते भले ही डाउन जा रहा हूं, लेकिन जो वाटर रिसोर्सेज बॉडी दिल्ली सरकार की तरफ से दिल्ली में जगह-जगह तैयार की गई है. कहीं ना कहीं उससे भी लोगों को काफी हद तक फायदा होगा. मगर तेज गर्मी होने के चलते यमुना नदी का जलस्तर दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है जिसने अब लोगों की चिंता बढ़ा दी है.

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फिलहाल, यमुना नदी का वाटर लेवल कम होने के चलते दिल्लीवासियों की चिंता जरूर बढ़ा दी है, लेकिन कहीं ना कहीं पानी की किल्लत गर्मियों में मात्र 2 महीने की होते हैं जिसे सबसे ज्यादा किल्लत लोगों को पानी की होती है. ऊपरी इलाकों में बरसात होने के चलते यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने लगता है, लेकिन दिल्ली सरकार अब कड़े प्रयास जमीनी स्तर पर काम कर रही है और आने वाले कुछ वर्षों के बाद लोगों को पानी की किल्लत से राहत मिल जाएगी.

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