Faridabad Farmer News: परंपरागत की जगह आधुनिक खेती कर कमा रहे लाखों, अब तक 250 किसानों को दिया सफलता का मंत्र
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1751731

Faridabad Farmer News: परंपरागत की जगह आधुनिक खेती कर कमा रहे लाखों, अब तक 250 किसानों को दिया सफलता का मंत्र

Faridabad Farmer News: फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में अटाली गांव के किसान ने परंपरागत खेती छोड़कर आधुनिक खेती की. इससे उन्हें खासा मुनाफा हुआ तो आगे भी किसानों को आधुनिक खेती करने के लिए बढ़ावा दिया.

 

Faridabad Farmer News: परंपरागत की जगह आधुनिक खेती कर कमा रहे लाखों, अब तक 250 किसानों को दिया सफलता का मंत्र

Faridabad Farmer News: फरीदाबाद की पृथला विधानसभा के अटाली गांव में रहने वाले प्रह्लाद कालीरमन लगातार असफलता के बावजूद नर हो न निराश करो मन को अवधारणा के साथ प्रयास करने में जुटे रहे. साथ ही पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर व्यवसायिक खेती करते हुए आज आसपास के क्षेत्र में उनकी गिनती उन्नति शील व प्रगतिशील किसान के रूप में होती है, क्योंकि उन्होंने व्यवसाय खेती करते हुए अपनी आर्थिक स्थितियों को सुधारा है. साथ ही साथ आसपास के गांव के किसानों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बने हैं.

ये भी पढ़ें: Delhi Crime News: आइसक्रीम खाने गए युवकों पर चाकू से किया हमला, पुलिस कर रही आरोपी की तलाश

 

एमए करने के बाद खेती में ही कुछ अलग करने के उद्देश्य से वह दिल्ली पूसा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे. वहां पूर्व में मौजूद प्रगतिशील किसानों से संपर्क हुआ तो उनसे प्रेरणा लेकर जैविक खेती की बारीकियां सीखीं. कृषि में रोजगार के उद्देश्य के साथ पूरी लगन से मेहनत की. जैविक खेती का तरीका सीखा. फसल लहलहाई तो उनकी किस्मत चमक गई. 32 साल की आयु में प्रह्लाद को कृषि विज्ञान केंद्र ने प्रगतिशील किसान का दर्जा प्रदान किया है।

पहलद ने सरकार की किसानों को दी जाने वाली सरकारी योजनाओं को समय-समय पर ट्रेनिंग के माध्यम से समझा और उनका लाभ उठाया, फिर चाहे वह डिपिंग फार्मिंग हो या पॉली फार्मिंग हो जैविक खेती करके फसल में अच्छा मुनाफा कमाया.

पॉली फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रह्लाद अब एक फर्म बनाकर लोगों को भी प्रशिक्षित कर रहे हैं. वह अब कृषि विभाग के कार्यक्रमों में किसानों को कृषि की नई तकनीक के बारे में समझाते हैं.

प्रशिक्षण के बाद उन्होंने जैविक खेती के लिए अपना पंजीकरण करा लिया. जैविक खेती करने से पहले टमाटर, घिया, भिंडी की फसल से कोई खास आय नहीं होती थी. प्रयोग के बाद अप्रत्याशित परिवर्तन नजर आया. फसल अब दोगुने दाम पर बिकती है.

उत्पादित फसलों की गुणवत्ता के आधार पर बिक्री अधिक होने की वजह से अब व्यापारियों की मांग के अनुसार माल की कमी हो जाती है. सर्वेश सिंह ने बताया कि पिछले साल उन्होंने ग्रेम फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड नाम से एक फर्म की शुरुआत भी कर दी है. इसके जरिये वह जैविक खेती को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. उनकी फर्म से अब तक एक, दो बीघे वाले 250 किसान जुड़ चुके हैं. उनका उद्देश्य खेती को केमिकल से मुक्त करना है. इसके अलावा वह कृषि कॉलेजों, केंद्र और प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों में व्याख्यान देने भी पहुंचते हैं.

प्रगतिशील किसान पहलाद का कहना है कि गांव के युवा शहरों में नौकरी के लिए न भटके बल्कि अपने ही गांव में रहकर व्यवसायिक खेती को समझकर उसकी शुरुआत करें, जिससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि उनकी आर्थिक स्थिति के साथ-साथ अपने परिवार और अपनी मिट्टी से भी जुड़े रहेंगे.

Input: Amit Chaudhary

Trending news