GST पर बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार को घेरा, बोले- तोड़ दी जनता की कमर
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GST पर बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार को घेरा, बोले- तोड़ दी जनता की कमर

हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष और अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल को छोड़ सब GST के दायरे में ला रहे.

GST पर बजरंग गर्ग ने केंद्र सरकार को घेरा, बोले- तोड़ दी जनता की कमर

सिरसा/विजय कुमार: हरियाणा व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने केंद्र और हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. बजरंग गर्ग ने कहा की केंद्र सरकार ने खाद्य वस्तुएं, दही, लस्सी, पनीर, शहद, होटलों के सस्ते कमरे, आटा, चावल आदि पर टैक्स लगाकर जीएसटी (GST) के दायरे में लाकर जनता की जेबों में डाका डाला है. उन्होंने कहा कि पहले ही प्रदेश की जनता महंगाई की मार से दुखी थी. इसके बाद सरकार लगातार नए-नए टैक्स लगाकर और टैक्स बढ़ाकर जनता की कमर तोड़ने में लगी हुई है, जबकि रहने के लिए मकान बनाने के लिए ईंट पर भी सरकार ने 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत जीएसटी कर दिया है. 

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बजरंग गर्ग ने बताया कि आम आदमी की हर जरूरत का सामान रोटी, कपड़ा और मकान पर सरकार ने टैक्स लगाकर गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का काम किया है. इसी प्रकार जिन वस्तुओं पर 5 प्रतिशत वैट कर था सरकार ने उन वस्तुओं पर 18 व 28 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है. गर्ग आज सिरसा में व्यापारियों की मीटिंग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

इस दौरान बजरंग गर्ग ने कहा कि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स कम करके, जिसे जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए था. केंद्र और प्रदेश सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर टैक्स कम करने की बजाए, उस पर भी टैक्स बढ़ाकर महंगाई का बम जनता पर फोड़ रही है, जबकि कपड़ा, चीनी, खेती में उपयोग आने वाली दवा, बीज, खाद आदि पर कभी टैक्स नहीं था. मगर इस सरकार ने इन वस्तुओं पर भी 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है. बजरंग गर्ग ने कहा कि टैक्स फ्री वस्तुओं पर भी जीएसटी लगाने से देश में भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टरी राज को बढ़ावा मिल रहा है.

लेखा-जोखा रखें या व्यापार करें
उन्होंने आगे कहा कि व्यापारी रात-दिन लेखा-जोखा रखने में लगे रहगते हैं. इस कारण व्यापारियों का व्यापार पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. सरकार को ऐसा कोई फैसला नहीं लेना चाहिए जो देश के व्यापारी, उद्योगपति, किसान, कर्मचारी, मजदूर और आम जनता के हितों के खिलाफ हो. केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए नए-नए टैक्स और टैक्स बढ़ोतरी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इन पर दोबारा विचार करना चाहिए. साथ ही इन टैक्सों की बढ़ोतरी को वापिस लेना चाहिए ताकि आम जनता को महंगाई की मार से राहत मिल सके.

आम जनता की जेबों में डाला डाका
बजरंग गर्ग ने कहा कि देश व प्रदेश की जनता पहले ही महंगाई की मार से दुखी है. इसके बाद भी केंद्र सरकार ने जीएसटी के तहत अनेकों वस्तुओं पर टैक्स में बढ़ोतरी करके एक और महंगाई का बम फोड़ने का काम किया है. दही, शहद, लस्सी, पनीर, छाज, खुला आटा व चावल आदि वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया है. वहीं होटलों के सभी आम कमरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाकर खाने से लेकर रहने तक महंगा कर दिया है. यह करके केंद्र सरकार ने आम जनता की जेबों में डाका डालने का काम किया है.

वहीं गर्ग ने कहा कि सरकार ने ईंट पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दी है. इससे रहने के लिए मकान बनाना भी बहुत महंगा हो गया है. इसी प्रकार जिन वस्तुओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत था उसे बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया है. बजरंग गर्ग ने कहा कि जिस पेट्रोल व डीजल पर टैक्स कम करके जीएसटी के दायरे में लाना था. जीएसटी परिषद की बैठक में उस पर कोई चर्चा न करके देश की जनता के साथ सरकार ने धोखा दिया है. सरकार को पता है कि देश‌ की जनता लगातार महंगाई से जूझ रही हैं.

गरीबों के मुंह का छीना निवाला
उन्होंने कहा कि जनता को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार महंगाई की मार से राहत देगी. मगर केंद्र सरकार ने राहत देने की बजाए खाद्य और आम उपयोग में आने वाली वस्तुओं में टैक्स में बढ़ोतरी करके गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का काम किया है. कपड़ें, चिन्नी, खाद्य, खेती में उपयोग आने वाली दवा, बीज आदि वस्तुओं पर कभी टैक्स नहीं था, उस पर भी पहले 5 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया. जिन वस्तुओं पर 5 प्रतिशत टैक्स था उन वस्तुओं पर 18 व 28 प्रतिशत जीएसटी लगाकर जनता की कमर तोड़ने का काम किया है.

गर्ग ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह टैक्स की बढ़ोतरी पर दोबारा विचार करके खाद्य और आम उपयोग में आने वाली वस्तुएं, पेट्रोल व डीजल पर टैक्स की दरें कम करें. इससे जनता को राहत मिलेगी. गर्ग ने कहा कि सरकार व प्रशासन को पॉलिथीन के लिए जागरूक अभियान चलाना चाहिए और पॉलिथीन की फैक्ट्रियों को तुरंत प्रभाव से बंद करना चाहिए. जब पॉलिथीन की फैक्ट्रियां ही नहीं रहेगी तो पॉलिथीन कहा से मार्केट में बिकेगा. 

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