Delhi को झीलों का शहर बनाने में जुटी केजरीवाल सरकार, जानें कब तक पूरा होगा कार्य
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Delhi को झीलों का शहर बनाने में जुटी केजरीवाल सरकार, जानें कब तक पूरा होगा कार्य

Delhi Lakes Development Project: जल मंत्री सौरभ भारद्वाज आज नजफगढ़ एसटीपी झील का मुआयना करने पहुंचे, इस दौरान अधिकारियों को कृत्रिम झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए.

Delhi को झीलों का शहर बनाने में जुटी केजरीवाल सरकार, जानें कब तक पूरा होगा कार्य

Delhi Lakes Development Project: राजधानी दिल्ली को 'झीलों का शहर' बनाने के विजन को साकार करने के लिए केजरीवाल सरकार युद्ध स्तर पर काम कर रही है. CM अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली की झीलों को पुनर्जीवित करके उन्हें आकर्षक पर्यटन स्थलों में तब्दील किया जा रहा है.  इसी कड़ी में CM केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने शनिवार को नजफगढ़ एसटीपी झील का मुआयना किया. 

नजफगढ़ एसटीपी झील का मुआयना करने पहुंचे जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों को कृत्रिम झील को उम्मीदों के अनुरूप बदलने और समय से गुणवत्ता पूर्ण कार्य पूरा करने के निर्देश दिए. साथ ही इकोलॉजिकल सिस्टम को बनाए रखने और लागत प्रभावी तरीकों के साथ ज्यादा से ज्यादा अंडरग्राउंड वॉटर रिचार्च करने के लिए परियोजना को तैयार करने को कहा है.

झील के निर्माण से पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मिलेगी मदद
नजफगढ़ एसटीपी झील के निरीक्षण के दौरान जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने DJB के अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा चलाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है. सौरभ भारद्वाज ने बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा द्वारका इलाके में बनाई जा रही नजफगढ़ एसटीपी झील करीब 4 एकड़ में फैली है. उन्होंने बताया कि नजफगढ़ एसटीपी झील का निर्माण कार्य प्रगति पर है और इसके पूरा होने के बाद परिसर में मौजूद एसटीपी का साफ पानी इस झील में छोड़ा जाएगा. केजरीवाल सरकार की ओर से ये नजफगड़ द्वारका इलाके में ये चौथी झील बनकर तैयार हो रही है. इसके बनने से पानी को स्टोर कर ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में मदद मिलेगी और वॉटर ट्रीटमेंट में भी फायदा होगा.

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केवल 45 दिनों में झील के भूजल स्तर में 3.24 मीटर की वृद्धि
वर्तमान में पप्पनकलां फेज-2 का पानी नजफगड़ एसटीपी झील में 4 किमी लंबी एक पाइपलाइन के जरिए पंप किया जा रहा है, जोकि बीओडी 10, टीएएसएस10 और एनजीटी के पैरामीटर्स के अनुसार है. यहां झील में डेढ़ महीने पहले से ही पानी भरना शुरू किया गया है और केवल 45 दिनों में ही झील के भूजल स्तर में 3.24 मीटर की वृद्धि देखी गई है.

सालभर साफ पानी से भरी रहेगी नजफगढ़ एसटीपी झील
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नजफगढ़ एसटीपी झील के निर्माण के सभी कार्य पर्यावरण के अनुसार ही किए गए हैं. झील के निर्माण व कायाकल्प से ना केवल भूजल स्तर बढ़ेगा, बल्कि क्षेत्र में एक इकोसिस्टम का भी निर्माण होगा. कृत्रिम झील को बनाने के पीछे का मकसद ग्राउंड-वाटर रिचार्ज करना और आसपास के इलाकों में पानी की कमी को पूरी करना है. भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए झील में पीजोमीटर लगाए जाएंगे, जो पानी का स्तर कितना है, इसकी जानकारी देते हैं. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा की इस झील में सालभर साफ पानी भरा रहे. झील के चारों ओर लैंडस्केपिंग का कार्य कुछ महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.

नजफगढ़ एसटीपी झील में लोग प्राकृतिक सौंदर्य का ले सकेंगे आनंद
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि नजफगढ़ एसटीपी झील में लोग प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे. यहां लोगों के टहलने के लिए वॉकिंग ट्रेक भी होगा. बर्डवॉचिंग स्पॉट और अन्य मनोरंजक गतिविधियों के लिए भी सुविधाएं होंगी. झील के किनारे जल्द ही ट्यूबवेल्स स्थापित किए जाएंगे, जोकि द्वारका के विभिन्न इलाकों में जलापूर्ति बढ़ाने में मदद करेंगे. झील कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेगी. पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेगी. साथ ही इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी. झील से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी और हरियाली भी बढ़ेगी.

मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए जलाशयों को जीवित करना बेहद जरूरी है. इसके लिए CM अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार लगातार काम कर रही है. झीलों के आस-पास पर्यावरण तंत्र को जीवंत करने के लिए देशी पौधे लगाए जा रहे हैं.

 

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