बिहार सीएम ने बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता के बड़े लक्ष्य के लिए छोटे-मोटे विवादों को छोड़ने को कहा है. उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री पद की रेस में नहीं है. वे देशभर में विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का मिशन चला रहे हैं. ताकि बीजेपी को हराया जा सके.
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नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों विपक्ष और तीसरे मोर्च को एकजुट करने में लगे हैं. इस सिलसिले में मंगलवार को वो दिल्ली पहुंचे. यहां उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ डेढ़ घंटे तक चर्चा की. इसके बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला से गुरुग्राम में मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक मौजूदा राजनैतिक हालात पर चर्चा हुई.
नीतीश कुमार के साथ पार्टी के नेता केसी त्यागी भी चौटाला के आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी भी साथ रहे. नीतीश कुमार और ओमप्रकाश चौटाला की दोस्ती राजनीति जगत में किसी से छुपी नहीं है. भाजपा से अलग होकर आरजेडी और कांग्रेस के साथ बिहार में सरकार बनाने वाले नीतीश कुमार 2 दिन से दिल्ली के दौरे पर हैं. वे देशभर में तमाम विपक्षी नेताओं से मिलकर एकजुट करने का संदेश दे रहे है. सोमवार को उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से मुलाकात की थी.
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इससे पहले वह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले. दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के नेता संजय झा भी साथ में थे. इस दौरान नीतीश कुमार और केजरीवाल ने दोपहर का भोजन एक साथ किया. यहां से निकलने के बाद नीतीश कुमार सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी से भी मिले.
इसके बाद मीडिया से बातचीत की. कहा कि हम साथ हैं, इसलिए मैं यहां आया हूं. हम विपक्ष को एक साथ लाने की कोशिश में हैं. हमने चर्चा की है कि वाम दल, विभिन्न राज्यों के क्षेत्रीय दल और कांग्रेस एक साथ आते हैं तो यह बहुत बड़ी बात होगी. हालांकि पीएम उम्मीदवार बनने के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी ऐसी कोई इच्छी नहीं है. बीते सोमवार को भी उन्होंने इस सवाल का यही जवाब दिया था.