ISRO Success Chandrayaan-3: Atal के सपने को PM Modi ने किया साकार, 20 साल बाद इसरो ने रचा इतिहास
Chandrayaan-3 Success Celebration News: 2003 में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने चांद से जुड़े मिशन की घोषणा की थी. इसरो ने 2008 और 2019 में पहला और दूसरा चंद्रयान मिशन लांच किया था जो कि सफल न रहा, लेकिन 20 साल बाद चंद्रयान 3 सफल रहा, जिसने इतिहास बना दिया है.
Chandrayaan-3 Success Celebration: इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग (Chandrayaan-3 Safe Landing) करवाकर अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है. इसके साथ ही चांद पर ठीक 6:03 पर जब चंद्रयान ने सॉफ्ट लैंडिंग की तो हर भारतीय का सिर कर गर्व से ऊंचा हो गया. इस सफलता के लिए इसरो को बधाईयां मिल रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पूरे प्रसारण को लाइव देखा और वैज्ञानिकों की सफलता पर उन्हें बधाई दी.
वहीं नोएडा-ग्रेटर नोएडावासी जो उत्सुकता से इस ऐतिहासिक पल का इंतजार कर रहे थे, इस मिशन को पूरा होते देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग टेलीविजन मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से जुड़े रहे, कई स्कूलों ने इसके लाइव टेलीकास्ट की व्यवस्था की. एनईए (NEA) के पदाधिकारियों ने अपने भवन में इस लाइव देख रहे थे और जैसे ही चंद्रयान-3 ने चांद को चूमा तभी सभी खुशी से झूम उठे और एक दूसरे को बधाईयां दी.
इसरो की सफलता ने पिछले मून मिशन चंद्रयान 2 चंद्रमा पर लैंड करते हुए फेल होने के दर्द को मिटा दिया है. इसलिए चंद्रयान 3 को डिजाइन करते समय चंद्रयान-2 के समय हुई गलतियों को सुधर गया. जिसका परिणाम चंद्रयान-3 की सफलता है. इस सफलता से भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव में पहुंचने में सफलता हासिल की है. अमेरिका चीन और पूर्व सोवियत संघ भी यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए हैं.
चंद्रयान भारत का महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष प्रोजेक्ट है. इसके जरिये भारतीय वैज्ञानिक चांद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करना चाहते हैं. 2003 में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने चांद से जुड़े मिशन की घोषणा की थी. इसरो ने 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया था, यह डीप स्पेस में भारत का पहला मिशन था. इसके बाद 2019 में चंद्रयान-2 लांच किया गया था. चंद्रयान 2 में जहां आर्बिटल लैंडर और रोवर थे, वहीं चंद्रयान-3 में प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर हैं.