Haryana News: पंजाब यूनिवर्सिटी मुद्दे पर नहीं निकला कोई हल, CM मनोहर बोले- ये किसी राज्य का नहीं बच्चों की शिक्षा का मुद्दा है
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Haryana News: पंजाब यूनिवर्सिटी मुद्दे पर नहीं निकला कोई हल, CM मनोहर बोले- ये किसी राज्य का नहीं बच्चों की शिक्षा का मुद्दा है

Haryana News: पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चंडीगढ़ सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक खत्म होने के बाद मनोहर लाल बोले कि यह किसी राज्य का मुद्दा नहीं है बल्कि यह बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा मुद्दा है. 

Haryana News: पंजाब यूनिवर्सिटी मुद्दे पर नहीं निकला कोई हल, CM मनोहर बोले- ये किसी राज्य का नहीं बच्चों की शिक्षा का मुद्दा है

Haryana News: पंजाब यूनिवर्सिटी के मुद्दे को लेकर आज हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चंडीगढ़ सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल ने भी हिस्सा लिथा था. बैठक खत्म होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक सौहार्दपूर्ण माहौल में हमारी बातचीत हुई है.

मनोहर लाल ने उन्होंने कहा कि हालांकि इस बातचीत में कोई हल नहीं निकला. मगर 5 जून को एक बार फिर से बैठक का आयोजन किया जाएगा और बातचीत की जाएगी. हमें उम्मी है कि उसमें इस मुद्दे का कोई न कोई हल जरूर निकलेगा. यह किसी राज्य का मुद्दा नहीं है बल्कि यह बच्चों की पढ़ाई से जुड़ा मुद्दा है. पूरी दुनिया में यूनिवर्सिटीज और कॉलेज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं हम चाहते हैं कि पंजाब यूनिवर्सिटी की मान्यता हरियाणा के कॉलेजों को भी मिले.

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मनोहर लाल ने आगे कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्था है. इसलिए इसका फैसला खुद यूनिवर्सिटी प्रशासन भी कर सकता है. 5 जून को इस मुद्दे पर फिर से बातचीत की जाएगी. एचसीएस की परीक्षा में प्रश्नों कि रिपीटेशन को लेकर उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट इसको लेकर जो भी आदेश देगा उसका पालन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एचपीएससी एक स्वतंत्र संस्था है इसलिए वह खुद भी इसका फैसला ले सकती है.

मनोहर लाल ने अपने बयान में आगे कहा कि अगर हमारा सुझाव पूछा जाए तो हम यह सुझाव दे सकते हैं कि 38 प्रश्नों की रिपीटेशन की गई थी. अगर एसपीएससी चाहे तो बाकी बचे 62 प्रश्नों के आधार पर भी परिणाम जारी कर सकती है, लेकिन यह एचपीएससी को देखना है कि वह इस मामले का हल किस तरह से निकालती है या कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाता है.

(इनपुटः विजय राणा)