UP BYPOLLS 2024: हरियाणा वाली रणनीति से यूपी फतह की तैयारी, क्या BJP का फॉर्मूला विपक्षियों को कर पाएगा क्लीन बोल्ड?
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2469117

UP BYPOLLS 2024: हरियाणा वाली रणनीति से यूपी फतह की तैयारी, क्या BJP का फॉर्मूला विपक्षियों को कर पाएगा क्लीन बोल्ड?

Ghaziabad By Election 2024: गाजियाबाद समेत यूपी की 10 सीटों पर उपचुनाव के लिए बीजेपी की नजर प्रदेश के ओबीसी पर है, जो कि कुल आबादी का  50% से ज्यादा है. हरियाणा में पिछड़े वर्ग के नायब सैनी को प्रदेश की कमान देने का फायदा पार्टी पहले ही देख चुकी है.

UP BYPOLLS 2024: हरियाणा वाली रणनीति से यूपी फतह की तैयारी, क्या BJP का फॉर्मूला विपक्षियों को कर पाएगा क्लीन बोल्ड?

UP BY Election BJP Strategy: हरियाणा चुनाव में इस बार बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनाव पर आ टिकी है. बीजेपी हरियाणा की चुनावी रणनीति को यूपी में भी दोहराना चाहती है और वो रणनीति है- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) तक अपनी पहुंच बढ़ाने की. ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी में 50 प्रतिशत से अधिक मतदाता ओबीसी वर्ग से आते हैं. 

दरअसल 90 विधानसभा सीटों वाले हरियाणा में शुरुआती रुझानों को झुठलाते हुए बीजेपी ने 48 जबकि कांग्रेस को 37 सीटें मिलीं. भाजपा ने न सिर्फ हरियाणा में जीत की हैट्रिक लगाई, बल्कि सीटों के साथ-साथ वोट प्रतिशत शेयर में भी इजाफा किया.हरियाणा में पिछली बार की तुलना में जितने वोट प्रतिशत की वृद्धि हुई है, भाजपा के खाते में भी करीब उतने ही वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी देखी गई. 2019 के चुनाव में बीजेपी को 36.49 प्रतिशत वोट मिले थे और  40 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके बाद सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय पार्टी जजपा की मदद लेनी पड़ी.

पढ़ें: दिवाली से पहले दिल्ली में बड़े स्तर पर चलेगा 'बुलडोजर'! हटेगा अतिक्रमण

वहीं 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 39.94 प्रतिशत वोटों के साथ 48 सीटों पर जीत दर्ज की है. बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के पीछे की वजह हरियाणा में नेतृत्व परिवर्तन और मनोहर लाल की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाना रहा. सैनी की बतौर सीएम नियुक्ति ने ओबीसी मतदाताओं में खुशी की लहर दौड़ा दी. 

अब इसी ओबीसी फॉर्मूला को बीजेपी यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में दोहराना चाहती है. उन 10 सीटों में गाजियाबाद के अलावा सीसामऊ, फूलपुर, करहल, कटेहरी, मझवां, मिल्कीपुर, मीरापुर, कुंदरकी और खैर शामिल हैं. सीसामऊ के सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने से उनकी सीट 7 जून को खाली हो गई थी. वहीं बाकी 9 सीटें विधायकों के सांसद बनने के बाद रिक्त हो गई थीं. इन 9 लोगों ने 10 से 14 जून के बीच अपने पद से इस्तीफा दिया था. दरअसल रिक्त सीटों को छह महीने के अंदर भरना पड़ता है. 

पढ़ें: Dussehra 2024: द्वारका में जलाया जाएगा दुनिया का सबसे ऊंचा रावण का पुतला, कुछ मिनटों में राख होंगे 30 लाख रुपये

बीजेपी ओबीसी अधिकारों और आरक्षण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए अब पार्टी का पिछड़ा वर्ग मोर्चा पूरे प्रदेश में एक अभियान चलाने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक हाल ही में आरएसएस और भाजपा के बीच हालिया चर्चा का विषय ही ओबीसी अधिकारों के बारे में गलतफहमियों को दूर करना रहा. अगर यूपी उपचुनाव से पहले बीजेपी ऐसा करने में सफल हो जाती है तो उपचुनाव के परिणाम काफी हद तक उनके फेवर में होंगे. 

जिस तरह बीजेपी ने हरियाणा में सभी 36 बिरादरी के साथ खड़ा होने का प्रयास किया और इसका परिणाम कांग्रेस की करारी हार के रूप में सामने आया. उसी तरह पार्टी यूपी में जमीनी स्तर पर ओबीसी मतदाताओं को जोड़ना चाहती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी समुदायों को प्रतिनिधित्व मिल रहा है. 

 

Trending news