Noida News: नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास कई प्लॉट और फ्लैट बेचने का मामले लगातार तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर YXPA का कहना है कि यहां परियोजनाओं को अनुमति देने, विकसित करने और बेचने का अधिकार केवल ऑटी और राज्य सरकार को है.
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Noida News: नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास कई औद्योगिक परियोजनाओं के शुभारंभ होने के बाद से, अवैध कॉलोनाइजरों द्वारा प्लॉट और फ्लैट बेचने का मामला लगातार तेजी के साथ बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं यमुना प्राधिकरण द्वारा अधिसूचित क्षेत्रों में नए क्षेत्रों को विकसित करने के लिए अधिग्रहीत की गई भूमि को भी बिना सोचे-समझे खरीदारों को लगातार बेचा जा रहा है. इसी को लेकर YXPA ने लोगों को ऐसे किसी भी प्रोजेक्ट में निवेश न करने की चेतावनी दी है.
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ सालों में YXPA और जेवर, टप्पल, झाझर और दनकौर के इलाकों में भू-माफिया काफी सक्रिय होते जा रहे हैं. नोएडा के कई हिस्सों में, खासकर के हवाई अड्डे के आसपास, प्लॉट 'ड्रीम हाउस' या 'प्राइम रेजिडेंशियल प्लॉट' जैसे विज्ञापन लगातार सामने आ रहे हैं. जानकारी मिली है कि प्रॉपर्टी बेचने के लिए कुछ लोगों ने आधिकारिक पोर्टल जैसी काल्पनिक वेबसाइटों को भी तैयार किया है.
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इन पोर्टल के जरिए कई नई परियोजनाओं जैसेः- फिल्म सिटी, औद्योगिक पार्क और पॉड टैक्सी और मेट्रो जैसी कनेक्टिविटी परियोजनाओं का विवरण साझा करना शुरू कर दिया है. YXPA के विशेष अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि प्राधिकरण के संज्ञान में ऐसे कई मामले आए हैं, जिनमें बिल्डर और कॉलोनाइजर बिना किसी आवंटन के यमुना एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डे के पास आकर्षक दरों पर आवासीय संपत्ति की पेशकश करते हैं और प्राधिकरण से लेआउट योजना या भवन योजना की अनुमति प्राप्त किए बिना. ये अवैध अतिक्रमण हैं और देर-सबेर इन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा.
अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह एक संगठित अपराध है, जिसे पूरी तरह से बिना सोचे-समझे खरीदारों को धोखा देने के लिए अंजाम दिया गया है. पिछले दो वर्षों में चलाए गए 20 प्रमुख अतिक्रमण विरोधी अभियानों में, 2,000 करोड़ रुपये की जमीन को अवैध निर्माण से मुक्त कराया गया है. लोगों को पहले प्राधिकरण से जांच करनी चाहिए निहित करने में.
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लोगों से सावधानी बरतने की अपील
अधिकारियों ने कहा कि प्राधिकरण जमीन, फ्लैटों और घरों की अवैध बिक्री के संबंध में इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया विज्ञापनों के बारे में लगातार जानकारी प्राप्त हो रही है, NCR और उससे जुड़े आसपास के इलाकों में घर खरीदार को जागरूकता की कमी की वजह से इस तरह के प्रचार के जरिए यहां निवेश करने के लिए धोखाधड़ी कर रहे हैं, लेकिन कुछ मामलों में, विज्ञापनदाता यूपी राजस्व संहिता 200 की धारा के तहत, जमीनों की भूमिका को कृषि से अन्य उद्देश्यों के लिए बदल दिया जाता है.
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि बुलंदशहर में जीबी एन 40 में 131 गांव, हाथरस में अलीगढ़ में 105, मथुरा में 431 और 165 लंबे यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे आगरा में गांव हैं, जो YEIDA द्वारा अधिसूचित के अंतर्गत आते हैं. यहां परियोजनाओं को अनुमति देने, विकसित करने और बेचने का अधिकार केवल ऑटी और राज्य सरकार को है.