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Covid Care Cell Expansion: दिल्ली (Delhi) के पुलिस वालों को मेडिकल से संबंधित किसी भी तरह की मदद अब तुरंत मिल जाती है. अगर कोई पुलिस वाला दिल्ली ही नहीं देश के किसी भी शहर के अस्पताल में किसी बीमारी की वजह से भर्ती है तो दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी बेहतर मेडिकल सुविधा के लिए उसकी मदद करते हैं. यह सब दिल्ली पुलिस (Delhi Police) कमिश्नर राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) के दिसंबर में जारी किए गए नए दिशा-निर्देश (SOP) के अमल के बाद संभव हुआ है.
दिल्ली पुलिस वेलफेयर की स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के मुताबिक, दिल्ली के पुलिसकर्मियों की सेहत का ख्याल रखने के लिए दिल्ली में थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक सक्रिय है. कोविड काल में जो प्रक्रिया कोरोना से पीड़ित पुलिसकर्मियों का ख्याल रखने के लिए अपनाई जा रही थी अब उसे विस्तारित कर दिया गया है.
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दिशा-निर्देश के मुताबिक, जिला या यूनिट के डीसीपी नोडल हेल्थ अफसर हैं. सब डिवीजन एसीपी और थाना स्तर पर एसएचओ को उनकी मदद करने के लिए कहा गया है. अस्पताल में दाखिल किसी भी पुलिसकर्मी की मेडिकल स्तर पर मदद के लिए एसएचओ की जिम्मेदारी है. दाखिल होने वाला चाहे किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हो या कोरोना से, उसके लिए हर संभव मदद नई व्यवस्था में पहुंचने लगी है. स्पेशल सीपी शालिनी सिंह बताती हैं कि मान लीजिए कि कोई पुलिसकर्मी किसी दूसरे शहर के अस्पताल में किसी बीमारी की वजह से एडमिट हो गया है तो उसकी मदद के लिए डीसीपी स्तर के अफसर भी अपने स्तर पर कोशिश करते हैं जिससे कि दाखिल पुलिसकर्मी को अच्छी हेल्थ केयर मिल सके.
नोडल हेल्थ अफसर यानी डीसीपी को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वह एसीपी सब डिवीजन और एसएचओ के माध्यम से अस्पताल में दाखिल हर एक पुलिसकर्मी की डिटेल अपने पास रखें. एक निर्धारित प्रपत्र में यह विवरण पुलिस मुख्यालय के वेलफेयर सेल को भी भेजा जाता है. इस क्रम में पुलिस स्टेशन के डयूटी अफसर को भी नोडल अधिकारी बनाया गया है. उनके जिम्मे कोरोना के अलावा अन्य बीमारी से ग्रस्त पुलिसकर्मियों का विवरण रखना है. इस संबंध में वह एक रजिस्टर भी रखते हैं, जिसमें सारी डिटेल दर्ज किए जाते हैं. इसकी खबर हर दिन पुलिस मुख्यालय स्थित हेल्थ मॉनिटरिंग सेल को भी भेजा जाता है.
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