फर्जी ED अधिकारी चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्थे, नाथूराम गोडसे पर बना रहा था फिल्म
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फर्जी ED अधिकारी चढ़ा क्राइम ब्रांच के हत्थे, नाथूराम गोडसे पर बना रहा था फिल्म

फर्जी ED अफसर बनकर झूठा नोटिस भेजकर 25 लाख की वसूली करना इस महाठग को भारी पड़ गया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने डॉ संतोष राय को उसके तीन साथियों समेत संसद मार्ग थाने के बाहर से उस वक्त गिरफ्तार किया जब ये डील के पैसे लेने आया था.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा फ्रॉड.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Dlhi Police Crime Branch) ने डॉक्टर संतोष राय नाम के एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जिसने पढ़ाई तो की डॉक्टरी की लेकिन प्रैक्टिस फर्जी ED अफसर बनकर चीटिंग की करने लगा. दर्जनों लोगों को अपना शिकार बनाने के बाद ये शातिर डॉक्टर यहीं नहीं रुका बल्कि जुर्म के कमाए पैसों से ये फिल्म प्रोड्यूसर बनकर नाथूराम गोडसे पर एक फिल्म भी बना रहा था जो जल्द ही रिलीज भी होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

  1. क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा नटवरलाल
  2. फर्जी ED अधिकारी बन करता था ठगी
  3. पेशे से था डॉक्टर, बन गया फ्रॉड

इस तरह हुआ खुलासा

दरअसल दिल्ली पुलिस (Dlhi Police) की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को ED के अधिकारियों की तरफ से एक शिकायत मिली थी कि कुछ लोग ईडी के अफसर बनकर जबरन वसूली कर रहे हैं. मौजपुर के रहने वाले मोहम्मद रफीक जो कस्टम क्लीयरेंस का काम करते हैं उन्हें कोई फोन करके खुद को ED का अफसर बताकर 50 लाख रुपये मांग रहा है. फोन करने वाले स्पूफिंग के जरिये मेल भेजते थे और फोन करते थे जिससे पता चले कि उन्हें ईडी दफ्तर से ही मेल या फोन आ रहे हैं. 

क्राइम ब्रांच ने बिछाया जाल

क्राइम ब्रांच ने शिकायत मिलने के फौरन बाद केस दर्ज कर जांच शुरू की. मोहम्मद रफीक को फोन करने वाले ने कहा वो एक वकील से मिल लें और पैसों की डील फाइनल कर लें. मोहम्मद रफीक उस वकील से मिला और डील पक्की हो गई. डील के मुताबिक पहली किश्त के तौर पर 22 लाख रुपये देने थे. 26 अगस्त को आरोपियों ने मोहम्मद रफीक को संसद मार्ग थाने के सामने पैसे देने के लिए बुलाया. क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर विवेकानंद झा और सब इंस्पेक्टर संजय गुप्ता की टीम ने जाल बिछाया और आरोपी संतोष राय और भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया.

50 से ज्यादा केस

दोनों से पूछताछ के बाद मौजपुर से इनके दो और साथियों संजय और कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया. संजय मोहम्मद रफीक का किरायेदार है. पुलिस के मुताबिक संतोष बनारस का रहने वाला है और वो एक शातिर ठग है, उस पर कई राज्यों में ठगी के 50 से ज्यादा केस दर्ज हैं. संतोष ने 1997 में एमबीबीएस किया था और कुछ समय के लिए एम्स में काम भी किया था. 2019 में सीबीआई ने उसे अरेस्ट किया था तब वो एक मीट कारोबारी की से 10 करोड़ रुपये मांग रहा था.

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गोडसे पर बना रहा था फिल्म

डॉ संतोष राय ठगी से कमाए पैसों से नाथूराम गोडसे पर आधारित एक फिल्म भी बना रहा था. जो जल्द ही रिलीज भी होने वाली थी. लेकिन संतोष की खुद की कारस्तानियों ने उसकी फिल्म को रिलीज से पहले पैकअप कर दिया. क्राइम ब्रांच को अब कई ओर लोगों की भी तलाश है जो फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं. 

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