दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रवासी श्रमिकों की भीड़, बसों में भरकर ले जाए जा रहे शेल्टर होम
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दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रवासी श्रमिकों की भीड़, बसों में भरकर ले जाए जा रहे शेल्टर होम

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर आज भी भीड़ है. सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद मजदूरों तक मदद नहीं पहुंच रही है. 

पलायन कर रहे मजदूर

नई दिल्ली: कोरोना और लॉकडाउन (Lockdown) मजदूरों पर जमकर कहर बरपा रहा है. मजदूरों के पास खाने और रहने की समस्या है, इसलिए मजदूर तेजी से दिल्ली से अपने-अपने राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं. कई मजदूर पैदल ही अपने-अपने राज्यों की ओर निकल पड़े हैं.

  1. मजदूर तेजी से अपने-अपने राज्यों की ओर पलायन कर रहे 
  2. दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर प्रवासी श्रमिकों की भीड़
  3. बसों में भरकर ले जाए जा रहे शेल्टर होम

दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर आज भी भीड़ है. सरकार की तमाम घोषणाओं के बावजूद मजदूरों तक मदद नहीं पहुंच रही है. मजदूरों का कहना है कि ना उन्हें काम मिल रहा है और ना ही राशन, इसके अलावा मकान मालिक भी उन्हें किराये के लिए परेशान कर रहा है. ऐसे में पलायन करने के बाद वह कभी दिल्ली वापस नहीं आएंगे.

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हैरानी की बात ये है कि सरकार द्वारा बार-बार कहे जाने के बावजूद सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है. मजदूरों को बसों में भरकर शेल्टर होम ले जाया जा रहा है. 

बता दें कि भारत में लॉकडाउन के करीब दो महीने होने वाले हैं. इसके बावजूद संक्रमण के मामले एक लाख के पार हो चुके हैं. हमारा नाम दुनिया के उन 11 देशों में आ गया है, जहां अब तक एक लाख से ज्यादा केस मिल चुके हैं. 

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हमारे यहां संक्रमण की रफ्तार ऐसी रही है कि पहले 25 हजार केस आने में 87 दिन लगे थे. लेकिन अगले 25 हजार मामले सिर्फ 11 दिन में आ गए. इसके बाद 50 हजार से 75 हजार मामलों तक पहुंचने में सिर्फ 7 दिन लगे. लेकिन संक्रमण के मामले 75 हजार से एक लाख के पार होने में सिर्फ 5 दिन लगे. सिर्फ यही नहीं भारत उन कुछ देशों में शामिल है, जहां पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामले सबसे ज्यादा तेजी से बढ़े हैं. 

भारत में पिछले दो दिन में ही करीब 10 हजार नए मामले आ चुके हैं. यहां पिछले एक हफ्ते से हर दिन औसतन करीब 45 सौ मामले आ रहे हैं. इस मामले में अब भारत से आगे सिर्फ अमेरिका, ब्राज़ील और रूस हैं. अमेरिका में हर दिन औसतन करीब 24 हजार नए मामले आ रहे हैं. ब्राजील में ये आंकड़ा करीब 13 हजार का है. रूस में करीब 10 हजार नए मामले रोजाना आ रहे हैं.

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