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नई दिल्ली: हर साल देश की राजधानी दिल्ली में सर्दियों के आते ही हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. दिल्ली के अंदर साल 2020-21 में पिछले 2 सालों की सर्दियों के मुकाबले हवा में प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. पिछले 2 सर्दियों के सीजन के आंकड़ों से पता चला है कि दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट में से 11 में पिछली सर्दियों की तुलना में 2020-21 में प्रदूषण में वृद्धि देखी गई है.
दरअसल साल 2018 में, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (Delhi Pollution Control Committee) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने दिल्ली के 13 सबसे प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान की थी. इन जगहों पर PM2.5 का स्तर शहर के एवरेज से भी ज्यादा रहा था. इस सर्वे में स्थान विशेष को लेकर एक्शन लेने की बात कही गई थी. इसके अलावा 2019 में हर एक हॉटस्पॉट के लिए स्थानीय स्तर पर एक्शन प्लान का भी जिक्र किया गया था.
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हालांकि, सीएसई (Centre for Science and Environment) ने 2 सालों के आंकड़ों के ऊपर एनालिसिस किया और पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में केवल वजीरपुर और साहिबाबाद ने पीएम 2.5 लेवल के मामले में सुधार दिखा है. द्वारका के आंकड़े तुलना के लिए उपलब्ध नहीं थे. वहीं 13 हॉटस्पॉट में रोहिणी, द्वारका, ओखला फेज II, पंजाबी बाग, आनंद विहार, विवेक विहार, वजीरपुर, जहांगीरपुरी, आरके पुरम, बवाना, मुंडका, नरेला और मायापुरी शामिल हैं.
इन सभी हॉटस्पॉट के अलावा NCR के लिए 6 प्रदूषण हॉटस्पॉट की पहचान की गई. इनमें से फरीदाबाद में 2 और गुड़गांव, बहादुरगढ़, भिवाड़ी और साहिबाबाद में 1-1 हॉटस्पॉट शामिल थे. एनालिसिस में सामने आया कि जहांगीरपुरी का मौसमी औसत 256 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो चिह्नित हॉटस्पॉट्स में सबसे प्रदूषित था.
वहीं बहादुरगढ़ ने लगभग 50% की छलांग दर्ज की, लेकिन यह अभी भी अन्य हॉटस्पॉट की तुलना में साफ था. जहांगीरपुरी के बाद, विवेक विहार, नरेला, आनंद विहार, बवाना दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषित हॉटस्पॉट रहे. इन सभी स्थानों पर पिछली सर्दियों में प्रदूषण में बढ़ोतरी दिखी. 2019-20 में बाकी NCR की तुलना में साहिबाबाद 200 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ सबसे अधिक प्रदूषित शहर था.
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CSE ने अपने सर्वेक्षण में यह भी बताया है कि डेटा से पता चला है कि दिल्ली-NCR में नए प्रदूषण हॉटस्पॉट भी उभर रहे हैं. इन जगहों पर भी समान रूप से ध्यान देने की जरूरत है. इनमें दिल्ली के 8 और बाकी एनसीआर में 7 जगहों के नाम शामिल हैं. इन नए हॉटस्पॉट की पहचान मौजूदा हॉटस्पॉट के औसत के साथ उनके वार्षिक औसत की तुलना करके की गई. इन जगहों पर हवा में प्रदूषण का स्तर 197 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था.
CSE की रिसर्च और एडवोकेसी से जुड़ी कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी के मुताबिक नए प्रदूषण वाली जगहों में दिल्ली में अलीपुर, डीटीयू, आईटीओ, नेहरू नगर, पटपरगंज, सोनिया विहार, मंदिर मार्ग और अशोक विहार और नोएडा में सेक्टर 1 और 116, गाजियाबाद में लोनी, संजय विहार और इंदिरापुरम, ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क V और बुलंदशहर शामिल हैं. यह फिर से स्थानीय प्रदूषण के प्रभाव की ओर इशारा करता है.
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दिल्ली सरकार सितंबर के अंत तक विंटर एक्शन प्लान (Winter Action Plan) जारी करेगी. इसी को लेकर हाल ही में दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने DDMA के अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग भी बुलाई थी. इस विंटर एक्शन प्लान के तहत इसमें 10 महत्वपूर्ण फोकस वाले क्षेत्र में प्रदूषण वाले हॉटस्पॉट पर काम करना और नए स्थानों की पहचान करना भी शामिल है.
राज्य सरकार के मुताबिक हर साल लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, खासकर सर्दियों के दौरान. इसमें प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों को नियंत्रित करना शामिल है. अधिकारी ने दावा किया कि प्रत्येक हॉटस्पॉट के लिए वर्कप्लान में तत्काल और साथ ही दीर्घकालिक उपाय होंगे और जल्द ही सुधार दिखाई देगा.
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