बच्‍चों से दुष्‍कर्म: पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग
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बच्‍चों से दुष्‍कर्म: पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग

एमिकस क्यूरी ने कहा कि अगर बच्चों से यौन शोषण के मामलों को जल्द निपटाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर, जजों और कोर्ट की संख्या बढ़ानी पड़ेगी.

बच्‍चों से दुष्‍कर्म: पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग

नई दिल्‍ली: देश भर में बच्चों से दुष्कर्म के बढ़ते मामले पर सुनवाई के दौरान एमिकस क्यूरी ने पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग की. एमिकस क्यूरी ने कहा कि अगर बच्चों से यौन शोषण के मामलों को जल्द निपटाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर, जजों और कोर्ट की संख्या बढ़ानी पड़ेगी. दिल्ली में बच्चों के यौन शोषण के मामलों के समय से निपटारा न होने पर मुख्य न्यायाधीश ने चिंता जताई. एमिकस क्यूरी ने कहा कि पोक्सो कोर्ट के लिए ऐसे मामलो में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए. इसके लिए पोक्सो कोर्ट के मामलों के लिए अलग से विशेष सरकारी वकील नियुक्त किये जाएं जो केवल बच्चों से संबंधित मामले ही देखें. ऐसे में मामलों को जल्द निपटाया जा सकता है. मुख्य न्यायाधीश ने एमिकस क्यूरी से कहा कि 10 दिन के भीतर 1 जनवरी 2019 से पहले के बच्चों से दुष्कर्म के मामलों का डाटा कोर्ट को दें. अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी.

जनवरी से जून के पिछले छह महीने में देशभर में 24,212 मामले दर्ज हुए. सबसे ज़्यादा यूपी में 3457, मध्य प्रदेश में 2389, महाराष्ट्र में 1940 जबकि दिल्ली में 729 और सबसे कम केंद्रशासित प्रदेशों में 12-15 मामले दर्ज हुए.

सुप्रीम कोर्ट के इस रुख से साफ है कि वह रेप और मर्डर के कानून को सख्त बनाने के बावजूद मामलों में लगातार बढ़ोतरी को कम करने के लिए इस पर सख्ती से निपट रहा है. कानून में 12 साल से कम उम्र के बच्चों के बलात्कारियों को मौत की सजा का प्रावधान है और पिछले साल पोस्को कानून में संशोधन करने के बावजूद मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है.

एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने सलाहकार को इस मामले पर सोमवार को अपना पक्ष रखने को कहा है. मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से पिछले 6 महीने के दौरान बच्चों के साथ रेप के कितने मामले सामने आए, कितने मामलों पर चार्जशीट दाखिल हुई और कितने मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं इस पर रिपोर्ट मांगी थी?

रिपोर्ट में सामने आया है कि देशभर में पिछले 6 महीनों के दौरान 24,000 बच्चों से यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक जनवरी से लेकर 30 जून 2018 तक कुल 24212 मामले सामने आए हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में इन मामलों में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. इनमें से 11981 मामलों में पुलिस अभी भी जांच कर रही है यानी कि 50% में तो जांच ही नहीं हुई है.

इसके अलावा 12231 मामलों में पुलिस चार्जशीट दायर कर चुकी है. 6449 मामलों में ट्रायल शुरू कर दिया है. वहीं 4871 में अभी भी ट्रायल शुरू होना बाकी है. जबकि ट्रायल कोर्ट में 911 मामलों में ही फैसला सुनाया है. यानी कि कुल मामलों में से सिर्फ 4 प्रतिशत में ही कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई है.

आंकड़ों पर गौर करने के बाद सीजेआई ने कहा कि इनमें से 50 प्रतिशत में तो जांच ही नहीं हुई है. 24212 मामलों में उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस ने यौन हिंसा की 3457 रिपोर्ट दर्ज की है जिनमें से 1779 मामलों की जांच अभी भी जारी है. इसके बाद मध्य प्रदेश दूसरे स्थान पर है यहां बच्चियों के साथ यौन शोषण के 2389 मामलों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है जिनमें से 1841 मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है.

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