1 करोड़ का चंदा कर दोस्तों ने बचाई UPSC कैंडिडेट की जान, 4 महीने बाद कोरोना को हरा अब देगा इंटरव्यू
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1 करोड़ का चंदा कर दोस्तों ने बचाई UPSC कैंडिडेट की जान, 4 महीने बाद कोरोना को हरा अब देगा इंटरव्यू

चार महीने तक Covid-19 से जिंदगी की जंग लड़ने वाला UPSC एस्पिरेंट अब इंटरव्यू देने को तैयार है. पिछले साल यूपीएससी मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam) पास करने वाले देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) के इलाज के लिए दोस्तों ने एक करोड़ रुपये जुटाए.

फोटो साभार: ketto

हैदराबाद: एक सिविल सर्विस एस्पिरेंट ने चार महीने बाद कोरोना को मात दी है. चार माह अस्पताल में रहने के बाद वह 22 सितंबर को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के इंटरव्यू में बैठगा. कोरोना संक्रमित होने के बाद महाराष्ट्र के रहने वाले देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) के फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था और उन्हें करीब चार महीनों तक एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन (ECMO) पर रहना पड़ा. देवानंद तेलगोटे के दोस्तों ने इस लड़ाई में उनका जी जान से साथ दिया. दोस्तों ने तेलगोटे के इलाज के लिए 1 करोड़ से ज्यादा का फंड जुटाया.  

  1. 4 महीने बाद कोविड से जंग जीता UPSC एस्पिरेंट
  2. अस्पताल से छुट्टी पाकर अब देगा इंटरव्यू
  3. दोस्तों ने इलाज के लिए जुटाए 1 करोड़ रुपये 
  4.  

पिछले साल पास किया था UPSC मेन्स

पिछले साल यूपीएससी मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam) पास करने वाले देवानंद तेलगोटे (Devanand Telgote) को अगस्त में इंटरव्यू देना था लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इलाज के लिए केआईएमएस अस्पताल में इलाज कराने के कारण वह इंटरव्यू नहीं दे सके. अब उन्हें बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. परिवार के सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले तेलगोटे (26) उन 500 उम्मीदवारों में से एक हैं जिनका UPSC तैयारी के दौरान भागवत मार्गदर्शन कर रहे थे. वह अप्रैल में दिल्ली में रहते हुए Covid-19 से संक्रमित हुए. उन्होंने कई डॉक्टरों से और अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन कोई राहत नहीं मिली. भागवत की सलाह पर उन्हें यहां अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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दोस्तों और रिस्तेदारों ने दिया साथ

भागवत ने बताया, ‘उन्हें 15 मई को महाराष्ट्र से एयर एम्बुलेंस के जरिए केआईएमएस अस्पताल लाया गया और ईसीएमओ पर रखा गया क्योंकि उनकी हालत बेहद खराब थी. तेलगोटे के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उनके इलाज के खर्च के लिए लोगों से एक करोड़ रुपये जुटाए. वह अब पूरी तरह स्वस्थ हो गए हैं और इंटरव्यू देने के लिए तैयार हैं.’ अस्पताल सूत्रों ने बताया कि परिवार ने उन्हें हैदराबाद स्थित अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया था क्योंकि उनके फेफड़ों पर बहुत बुरा असर पड़ा था. अस्पताल ने कहा, 'उनके फेफड़ों का 80 प्रतिशत हिस्सा खराब हो गया था. फेफड़े ट्रांसप्लाट करने का प्लान था लेकिन डॉक्टर संदीप अटवार और उनकी टीम ने करीब चार महीनों तक ईसीएमओ सपोर्ट पर उनका इलाज किया.'

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