India First Vetical sea Lift Bridge: समंदर के ऊपर बने पुल से जब ट्रेन गुजरती है तो नजारा कितना खूबसूरत होगा इसकी कल्पना बिना उस सफर पर गए कर पाना मुश्किल है. सिर्फ ट्रेन ही नहीं जब समंदर में जहाजों को गुजरना होता है तो ये पुल अलीबाबा के गुफा की तरह खुल जा सिम-सिम की तरह खुल जाती है.
Pamban Railway Bridge: समंदर के ऊपर बने पुल से जब ट्रेन गुजरती है तो नजारा कितना खूबसूरत होगा इसकी कल्पना बिना उस सफर पर गए कर पाना मुश्किल है. सिर्फ ट्रेन ही नहीं जब समंदर में जहाजों को गुजरना होता है तो ये पुल अलीबाबा के गुफा की तरह खुल जा सिम-सिम की तरह खुल जाती है. देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज का काम पूरा हो चुका है, जल्द ही इस रेल ब्रिज से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी.
भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज पंबन रेल पुल तैयार हो चुका है. पंबल द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ने वाला यह ब्रिज भारत का पहला और दुनिया का दूसरा ब्रिज है, जो लिफ्ट की तरह ऊपर जाता है. रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) द्वारा निर्मित यह पंबल ब्रिज वर्टिकल लिफ्ट तकनीक के साथ तैयार हुआ है.
पंबन ब्रिज 2.05 किलोमीटर लंबा है. इस पुल में 19.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का अनोखा नेविगेशनल स्पैन है. इस ब्रिज को बनाने में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोलिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. पुराने पंबन ब्रिज के बगल में बने इस ब्रिज पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें दौड़ सकेंगी. जहां पुराने ब्रिज पर ट्रेनों की रफ्तार मात्र 10 किमी प्रति घंटे की थी, अब नए ब्रिज पर फर्राटे से ट्रेनें दौड़ेगी.
ब्रिज के ऊपर जहां ट्रेनें चलेंगी तो वहीं बड़े समुद्री जहाजों के पुल से नीचे से गुजरने की व्यवस्था की गई है. जब बड़े समुद्री जहाज इसके नीचे से गुजरेंगे तो इसके एक हिस्से को 17 मीटर तक ऊपर उठाया भी जा सकेगा. इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल्ड सिस्टम से ऑपरेट होने वाले इस ब्रिज को अब मैनुअल तरीके से खोलने की जरूरत नहीं होगी. जहाज के आने पर ब्रिज का हिस्सा ऊपर चला जाएगा. पहले इसे खोलने के लिए 40 लोग लगते थे.
इस ब्रिज के बनने से रामेश्वरम पहुंचना आसान हो जाएगा. रामेश्वरम में विश्वप्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन के लिए जाने वाले तीर्थयात्रियों को अब सफर नें कम वक्त लगेगा. पंबन ब्रिज के बन जाने से मंडपम से रामेश्वरम के बीच की दूरी घटकर महज 20 मिनट रह जाएगी. पुल से गुजरने वाले ट्रेनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अलार्म सिस्टम लगाया गया है. 58 मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यदि हवाएं चलेंगी तो ऑटोमेटिक अलर्ट सिग्नल जारी हो जाएगा और ट्रेन रूक जाएगी.
साल 1914 में बने पंबल पुल की स्थिति खराब होने के बाद नए ब्रिज का निर्माण किया गया, मौजूदा समय में पंबन ब्रिज को रेल विकास निगम लि. (RVNL) ने 535 करोड़ की लागत में रिकंस्ट्रक्ट किया है.
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