DNA ANALYSIS: मानवाधिकार कार्यकर्ता से चीन की 'गुंडागर्दी'
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DNA ANALYSIS: मानवाधिकार कार्यकर्ता से चीन की 'गुंडागर्दी'

चीन की पुलिस चीन के अनहुई प्रांत में इस महिला के घर पहुंच गई और इसके माता-पिता से पूछताछ शुरू कर दी. इसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने इस महिला को वीडियो कॉल किया.

DNA ANALYSIS: मानवाधिकार कार्यकर्ता से चीन की 'गुंडागर्दी'

नई दिल्ली: हम पहले भी कई बार कह चुके हैं कि आपको इस बात का शुक्र मनाना चाहिए कि आप भारत में रहते हैं. क्योंकि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी है और यहां आप दिल खोलकर अपनी सरकार की भी आलोचना कर सकते हैं. लेकिन चीन में ऐसा करने की आजादी नहीं है. फिर भले ही आप चीन की सरकार की आलोचना किसी और देश में बैठकर ही क्यों ना करें. ताज़ा उदाहरण चीन की एक महिला का है. जिनका नाम है- Zoo. Zoo फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में हैं और वर्किंग हॉलीडे वीजा लेकर काम कर रही हैं.

इसी दौरान इस महिला ने ऑस्ट्रेलिया में एक ट्विटर अकाउंट बनाया और चीन की सरकार और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना करते हुए कुछ ट्वीट्स किए. ऐसा करते हुए इस महिला ने अपनी पहचान गुप्त रखने की कोशिश की और एक नकली नाम का इस्तेमाल किया. लेकिन चीन की पुलिस को इसका पता चल गया और फिर चीन की पुलिस ने जो किया वो सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

पुलिस ने दी धमकी
चीन की पुलिस चीन के अनहुई प्रांत में इस महिला के घर पहुंच गई और इसके माता-पिता से पूछताछ शुरू कर दी. इसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने इस महिला को वीडियो कॉल किया. वीडियो कॉल के दौरान ये महिला अपने पिता को भी देख पा रही थी. वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी ने इस महिला को धमकी देते हुए कहा कि आपको याद रखना चाहिए कि आप चीन की नागरिक हैं और आप पर चीन के कानून लागू होते हैं, भले ही इस समय आप ऑस्ट्रेलिया में हैं. इसके बाद पुलिस अधिकारी ने कहा कि जब भी Zoo चीन वापस लौटेंगी उन्हें पुलिस स्टेशन आना होगा क्योंकि जो कुछ वो ट्विटर पर लिख रही हैं. चीन के कानून उसकी इजाजत नहीं देते. 

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चीन में ट्विटर समेत तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स पर प्रतिबंध है. इसलिए ये महिला चीन में रहकर चीन का विरोध नहीं कर सकती थी.

ये महिला खुद को एक मानव अधिकार कार्यकर्ता बताती हैं और इसने एक महीने पहले ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में चीन के विरोध में एक रैली का भी आयोजन किया था. और तियनेन मेन स्क्वायर नरसंहार को लेकर भी कई ट्वीट्स किए थे और आरोप लगाया था कि चीन की सरकार अपने नागरिकों से जानकारियां छिपाती है.

महिला के माता-पिता को परेशान कर रही पुलिस
इस महिला का कहना है कि चीन की पुलिस उसके पैरेंट्स से हर हफ्ते पूछताछ कर रही है और उन्हें परेशान कर रही है. लेकिन इस महिला के पिता का कहना है कि उनकी बेटी ने कानून तोड़ा है और उसे इसकी सजा मिलनी चाहिए. Zoo के पिता चीन की एक यूनिवर्सिटी में कम्युनिस्ट पार्टी की थ्योरी पढ़ाते हैं. लेकिन अब उनकी बेटी की वजह से चीन की पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है. इस खबर से समझ सकते हैं कि चीन के नागरिक क्यों अपनी सरकार के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोल सकते. 

कुछ दिनों पहले चीन ने एक ऐसे व्यक्ति के सोशल मीडिया अकाउंट को बंद कर दिया था जिसकी शक्ल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलती है. इस व्यक्ति का नाम है लिउ केक्यूइन (Liu Kequin) जो एक संगीतकार हैं जर्मनी के बर्लिन शहर में रहते हैं. लिउ सोशल मीडिया के माध्यम से चीन के लोगों को संगीत सिखाते थे. लेकिन शी जिनपिंग जैसा दिखने की वजह से चीन में उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि चीन कैसा देश है और वहां के राष्ट्रपति के खिलाफ कुछ बोलना तो क्या उनके जैसा दिखना भी एक अपराध है.

दूसरी तरफ हमारा देश भारत है. जहां लोगों को संविधान के आर्टिकल 19 A के तहत अभिव्यक्ति की आजादी हासिल है. इसी अभिव्यक्ति की आजादी के तहत भारत में कुछ लोग छीन कर लेंगे आजादी का नारा लगाते हैं. देश के प्रधानमंत्री के बारे में कुछ भी कह सकते हैं. यहां तक कि ये लोग देश के खिलाफ भी कुछ भी बोल देते हैं. अब सवाल ये है कि भारत में जितने भी लिबरल्स हैं जितने भी कम्युनिस्ट हैं वो चीन के 140 करोड़ लोगों के हित में आवाज क्यों नहीं उठाते. आजकल अगर किसी भी देश में तानाशाही होती है है, लोकतंत्र की हत्या होती है तो पूरी दुनिया उसके खिलाफ खड़ी हो जाती है. लेकिन चीन के खिलाफ कोई खड़ा नहीं होता और बात-बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने वाले लोग भी अपना मुंह बद कर लेते हैं.

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