विवाद के बाद बाबा कांता प्रसाद ने दान में मिले रुपयों की मदद से दिसंबर 2020 में मालवीय नगर में एक रेस्टोरेंट खोला, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 15 फरवरी को कांता प्रसाद को ये रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा और वो वापस अपने पुराने ठिकाने पर लौट आए हैं.
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नई दिल्ली: DNA में आज जिस खबर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वो लोगों की आजकल की मानसिकता से जुड़ी हुई है. हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहां पर हर एक व्यक्ति के पास सैकड़ों शिकायतें होंगी. लेकिन मदद करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा नहीं होगा. ये आज के दौर की कड़वी सच्चाई है जिसमें शिकायतों के लिए लंबी लाइनें लगी हैं जबकि मददगार के प्रति आभार की लाइन में कोई नहीं होता.
अब हम आते अपनी खबर पर सोशल मीडिया एक ऐसा ताकतवर माध्यम है जिससे चंद घंटों में हजारों लाखों तक पहुंचा जा सकता है और उसकी ताकत का अंदाजा तब होता है, जब किसी बेसहारा व्यक्ति की मदद की बात आती है. चंद दिनों में ही हजारों लोग मदद के लिए आगे आते हैं.
ऐसा ही एक वाकया पिछले साल 6 अक्टूबर को आया था. दिल्ली के मालवीय नगर में बाबा का ढाबा नाम से सड़क किनारे एक छोटी सी दुकान थी. दुकान के मालिक कांता प्रसाद की आर्थिक स्थिति उस वक्त ठीक नहीं थी. एक दिन एक फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने बाबा के ढाबे का 11 मिनट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर डाला, जिसमें ढाबे के मालिक कांता प्रसाद ने रोते हुए अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में देश को बताया था.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हुआ तो रातों रात बाबा कांता प्रसाद स्टार बन गए. उनकी मदद के लिए लाखों लोग आगे आए, जिस ढाबे पर इक्का दुक्का लोग आते थे, वहां पर लोगों की भीड़ इकट्ठा होने लगी. देश के कई लोगों ने बाबा कांता प्रसाद को आर्थिक मदद दी.
6 अक्टूबर को वायरल हुए वीडियो से बाबा कांता प्रसाद मात्र 2 महीने में ही लखपति बन गए. उनके खाते में 40 लाख रुपये से ज्यादा की रकम इकट्ठा हो गई. बाबा के ढाबे का प्रचार कई सेलिब्रिटीज़ ने ट्वीट के जरिए भी किया था. लोगों ने उनकी मदद के लिए उनके ढाबे पर एक कुक, वेटर यहां तक की सुरक्षा के लिए CCTV तक लगवा दिए थे.
लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद जब बाबा को आर्थिक मदद मिल गई, ढाबे पर कमाई भी बढ़ गई तब बाबा कांता प्रसाद और उनके मददगार फूड ब्लॉगर गौरव वासन के बीच विवाद हो गया.
कांता प्रसाद ने गौरव वासन पर पैसों की हेराफेरी का आरोप लगाया और पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई. कांता प्रसाद की शिकायत पर 31 अक्टूबर 2020 को पुलिस ने गौरव वासन पर FIR भी दर्ज़ कर ली थी.
कांता प्रसाद ने आरोप लगाया था कि गौरव ने लोगों से उनके नाम पर बड़ी रकम जुटाई, लेकिन उन्हें बहुत थोड़ा सा हिस्सा दिया. हालांकि गौरव वासन ने कांता प्रसाद के आरोपों से इनकार किया. उनका दावा था कि बाबा के नाम पर दान में 4 लाख 20 हजार रुपये मिले थे, जो उनको दे दिए गए थे. इस विवाद के बाद गौरव वासन और बाबा कांता प्रसाद के बीच सब बिगड़ गया.
विवाद के बाद बाबा कांता प्रसाद ने दान में मिले रुपयों की मदद से दिसंबर 2020 में मालवीय नगर में एक रेस्टोरेंट खोला, लेकिन लॉकडाउन की वजह से 15 फरवरी को कांता प्रसाद को ये रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा और वो वापस अपने पुराने ठिकाने पर लौट आए हैं. गौरव वासन के साथ हुए विवाद का भी बाबा के ढाबे पर असर पड़ा. बहुत से लोगों ने बाबा कांता प्रसाद पर सवाल उठाए. लोगों ने मददगार पर ही आरोप लगाने को गलत माना था. हालांकि गौरव वासन ने बाबा कांता प्रसाद के पुराने ठिकाने पर लौट आने के मामले पर अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर ये पोस्ट लिखा है.
इस पोस्ट में उन्होंने हाथ जोड़ते हुए लिखा है कर्म. दरअसल, गौरव वासन दिल्ली के रोड साइड ढाबों पर जाकर उनके खाने का रिव्यू करते हैं. वो अपील करते हैं कि लोग इन रोड साइड ढाबों पर आकर खाना खाएं और इन लोगों की मदद करें, लेकिन कांता प्रसाद के मामले में गौरव वासन बुरी तरह फंस गए थे. बाबा के ढाबे के मालिक कांता प्रसाद की मदद करना उन्हें भारी पड़ गया था. गौरव वासन की इस पोस्ट को लोग कांता प्रसाद से जोड़ रहे हैं, जिन्होंने दान में लाखों रुपये मिलने के बाद अलग तेवर दिखाए और गौरव को ही जालसाज़ बता दिया था.