1947 में जब देश आजाद हुआ था तो हमारे देश में सुई भी विदेश से आती थी. तब कनाडा हमें पेनिसिलीन जैसी बहुत साधारण सी दवा देता था, पर 74 साल बाद कनाडा को हम कोरोना की वैक्सीन दे रहे हैं.
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नई दिल्ली: अब हम आपको कनाडा ले चलेंगे जहां भारत में टुकड़े टुकड़े गैंग को संक्रमित करने वाले वायरस आजकल बहुत बढ़ रहे हैं. हमने आपको बताया है कि कैसे कनाडा खालिस्तान का एपिसेंटर बन गया है और वहां के सांसद जगमीत सिंह कैसे भारत के खिलाफ झूठ का एक बड़ा अभियान चला रहे हैं. उनका एक वीडियो हमें मिला है जिसका पॉलीग्राफ टेस्ट यानी झूठ पकड़ने वाली जांच होगी. पर उससे पहले हम आपको ये बताना चाहते हैं कि भारत के खिलाफ ये सारी साजिशें आखिर हो क्यों रही हैं.
1947 में जब देश आजाद हुआ था तो हमारे देश में सुई भी विदेश से आती थी. तब कनाडा हमें पेनिसिलीन जैसी बहुत साधारण सी दवा देता था, तो उसे लेने हमारी स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर हवाई अड्डे पहुंच गई थीं. पर 74 साल बाद कनाडा को हम कोरोना की वैक्सीन दे रहे हैं. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खुद दी है. 74 साल का फर्क देखिए, पहले मांगते थे अब बांटते हैं. अब भारत दुनिया में दवाओं के सबसे बड़े निर्माता की लिस्ट में बहुत आगे है और कोरोना की वैक्सीन विकसित करने में तो हमारे देश ने चमत्कार ही कर दिया है. अब भारत की यही कामयाबी, यही प्रगति दुनिया की आंखों में चुभ रही है. भारत के खिलाफ साजिशें हो रही हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत से कोरोना की वैक्सीन तो चाहिए पर उनके अपने देश में भारत विरोधी जो वायरस पल रहे हैं, उनका कोई इलाज वो नहीं कर रहे हैं. उनकी अपनी सरकार जिस सांसद जगमीत सिंह के समर्थन से चल रही है. वो भारत के टुकड़े टुकड़े गैंग से मिला हुआ है. वो भारत के बारे में तरह तरह के झूठ फैलाता है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भारत अपना दोस्त मानता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें कोरोना की वैक्सीन देने का वादा भी किया है. लेकिन क्या ट्रूडो अपने सांसद जगमीत सिंह के भारत विरोधी वायरस को वैक्सीन लगाएंगें और उन पर कार्रवाई करेंगे, जो नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे आंदोलन की झूठी तस्वीर दुनिया को दिखा रहे हैं, भारत को बदनाम कर रहे हैं.