DNA ANALYSIS: वापस लौटा Corona कितना खतरनाक? 5 Points में समझें ये बातें
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DNA ANALYSIS: वापस लौटा Corona कितना खतरनाक? 5 Points में समझें ये बातें

Coronavirus: महाराष्‍ट्र में एक दिन में 31 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. देश के सबसे ज्यादा संक्रमित 10 जिलों में से 8 जिले महाराष्ट्र में ही हैं. मुंबई समेत कई शहरों में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर वाले बेड्स की कमी पड़ने लगी है. 

DNA ANALYSIS: वापस लौटा Corona कितना खतरनाक? 5 Points में समझें ये बातें

नई दिल्‍ली: आप कोरोना वायरस को भूल गए होंगे लेकिन वायरस आपको नहीं भूला है. आपने मास्क लगाना छोड़ दिया तो कोरोना वायरस के संक्रमण ने भी आपसे उचित दूरी बनानी छोड़ दी. 29 मार्च को भारत में होली का त्यौहार ऐसे मनाया गया जैसे होली के पानी की बौछारों और रंगों से कोरोना वायरस भी भाग जाएगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं है.

  1. भारत में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या अब साढ़े 5 लाख के करीब है. 
  2. कल महाराष्ट्र में 31 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज हुए हैं.
  3. देश के कुल केस के लगभग आधे केस एक ही राज्य से रिपोर्ट हो रहे हैं.
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डर तो इस बात का है कि जिस तरह भारत ने कोरोना को भुलाकर होली मनाई है. उसके बाद कहीं वायरस का संक्रमण बढ़ न जाए.

-कल देश में 24 घंटे में कोरोना के कुल 56 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं.

-इनमें से महाराष्ट्र में 31 हजार से ज्यादा नए केस दर्ज हुए हैं. यानी देश के कुल केस के लगभग आधे केस एक ही राज्य से रिपोर्ट हो रहे हैं.

-भारत में कोरोना के कुल मरीजों की संख्या अब साढ़े 5 लाख के करीब है. देश में डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों की जान कोरोना संक्रमण की वजह से जा चुकी है.

-लेकिन हमने आंकड़ों से कितना सबक लिया है ये आप इस बात से समझ सकते हैं कि पिछले 10 दिनों में देश में कोरोना के मामले अब तक की सबसे तेज़ रफ्तार से बढ़े हैं.

-केवल महाराष्ट्र ही नहीं, देश के हर राज्य में कोरोना के खतरे पर होली के त्योहार का उत्साह भारी पड़ गया.

पुलिस वालों ने भी तोड़े नियम

होली के दिन पुलिस कानून व्यवस्था की ड्यूटी में लगी हुई थी. पुलिस वाले होली के अगले दिन त्योहार मनाते हैं. उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों की कुछ तस्‍वीरें सामने आई हैं. यहां आधिकारिक रूप से होली के समारोह पर पाबंदी है, लेकिन पाबंदियों की परवाह न आम जनता ने की और न ही प्रशासन ने. पुलिस वाले भी कोरोना वायरस को अबीर और गुलाल से भगाते हुए नजर आए. हालांकि उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस वालों ने नियम तोड़ने वालों को सबक भी सिखाया. पुलिस ने होली के नाम पर हुड़दंग कर रहे लोगों को थाने में बिठाकर समझाया और राष्ट्रगान का पाठ करवाया. 

लोग कोरोना को भूल गए? 

कोरोना से निपटने के लिए अनुशासन में रहना हम सभी का फर्ज है लेकिन अब ये काम नियम कानून बनाकर करवाना पड़ रहा है. महाराष्ट्र के नासिक में बाजार जाने वालों के लिए नया नियम लागू कर दिया गया है. जैसे कार पार्किंग में कार के लिए घंटे के हिसाब से पर्ची काटी जाती है. वैसे ही आम लोगों को भी पांच रुपए के बदले एक घंटे बाजार में रुकने की अनुमति दी जा रही है. प्रयोग के तौर पर नासिक के कुछ बाजारों में आज ये नियम लागू किया गया है. एक घंटे से ज्यादा का वक्त बिताने पर 500 रुपए का जुर्माना वसूला जा सकता है. 

ये वो राज्य है, जहां देश के कुल कोरोना संक्रमितों के आधे से ज्यादा मरीज मौजूद हैं. मुंबई के दादर के एक बाजार में उत्सव का माहौल नजर आया. लोग कोरोना को भूल चुके हैं,  सब्जियों की खरीदारी चल रही है और इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि सब्जियों के साथ कोरोनावायरस का संक्रमण मुफ्त में बंट रहा हो.

महाराष्ट्र में एक दिन में 31 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. देश के सबसे ज्यादा संक्रमित 10 जिलों में से 8 जिले महाराष्ट्र में ही हैं. मुंबई समेत कई शहरों में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर वाले बेड्स की कमी पड़ने लगी है, लेकिन नांदेड़ में होली के नाम पर जो हंगामा हुआ, उसे देखकर लगता नहीं कि यहां किसी को कोरोनावायरस संक्रमण की फिक्र है. 

देश की राजधानी दिल्ली का हाल भी ऐसा ही है. यहां कोरोना की रफ्तार का अंदाजा आप केवल एक आंकड़े से लगा सकते हैं. एक महीने पहले तक दिल्ली में कोरोना के रोज आने वाले केस की संख्या औसतन 132 थी जो अब 1535 केस प्रतिदिन पर आ चुकी है. वजहें आपके सामने है और नतीजा भी. 

दिल्‍ली के प्राइवेट अस्‍पतालों में नहीं बचे वेंटिलेटर बेड

दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में गंभीर मरीजों के लिए वेंटिलेटर बेड्स फुल हो चुके हैं. दिल्ली में कोरोना मरीजों के लिए बेड्स की स्थिति बताने वाली वेबसाइट की जानकारी के मुताबिक तो बेड्स मौजूद हैं, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. मसलन दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में वेंटिलेटर वाले 10 बेड्स खाली हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और है. यहां भी बेड उपलब्‍ध नहीं हैं. 

अस्पतालों के बाहर रोते बिलखते मरीज हैं,  तो शमशान घाट में एक बार फिर हालात खराब हो रहे हैं. दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के आदेश के मुताबिक, अंतिम संस्कार में 50 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते हैं लेकिन लोग यहां  खुद पर मंडरा रहे खतरे से अनजान हैं.

ऐसे हालात देश ने एक साल पहले झेले हैं. तस्वीरें एक बार फिर चेतावनी दे रही हैं लेकिन देश भर से जिस तरह होली की तस्वीरें आई हैं उन्हें देखकर लगता है कि कोरोना का संक्रमण भले ही न गया हो, वायरस का खौफ जा चुका है.

कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा शिकार भारत के 47 जिलों को एक बार स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिशा निर्देश जारी किए हैं कि जिन जिलों में संक्रमण हैं वहां RTPCR टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए. पॉजिटिव मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाए. अगर मरीज घर में आइसोलेशन में है तो उसकी पुष्टि करें. पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क मे आए लोगों को 72 घंटे में ट्रेस करके उनका भी टेस्ट किया जाए. 

वैक्‍सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्‍पतालों की भागीदारी

इसके अलावा राज्यों से वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों की भागीदारी बढ़ाने को भी कहा गया है. फिलहाल देश के कुल प्राइवेट अस्पतालों में से केवल 17 प्रतिशत वैक्सीनेशन की प्रक्रिया से जुड़े हैं. केंद्र के मुताबिक, जिन अस्पतालों में कोल्ड स्टोरेज है, वैक्सीनेशन के लिए पर्याप्त स्टाफ है और ऑबजर्वेशन यानी मरीज को 30 मिनट तक निगरानी में बिठाने की जगह मौजूद है, वहां जल्द से जल्द वैक्सीनेशन सेंटर बनाने की सलाह दी गई है. 1 अप्रैल से देश में 45 वर्ष से ज्यादा के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन की शुरुआत की जा रही है. इसका मकसद भी कोरोना की बढ़ती रफ्तार को रोकना ही है. देश में हुई कुल मौतों में से 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग 45 वर्ष से अधिक उम्र के ही हैं, लेकिन इस वैक्सीन से ज्यादा काम आएगी सोशल वैक्सीन यानी सामाजिक दूरी, मास्क और सैनेटाइजर. 

-45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग 1 अप्रैल से वैक्सीन लगवा सकते हैं. वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बचने के लिए आपके पास अब एक हथियार है और उसका प्रयोग आप जरूर करें. कोरोना वायरस से बचाने वाली दोनों वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है और इन्हें लगवाने से कोई समस्या नहीं होती.

-वैक्सीनेशन के लिए आप आरोग्य सेतु ऐप और वेबसाइट Cowin.Gov.In पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और वैक्सीनेशन सेंटर पर दोपहर तीन बजे के बाद जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. हालांकि वैक्सीनेशन के लिए इनमें से कोई एक डॉक्‍यूमेंट आपके पास जरूर होना चाहिए.

-ये डॉक्‍यूमेंट्स हैं, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, केंद्र या राज्य सरकार का जारी किया फोटो पहचान पत्र, मनरेगा कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट, सांसद, विधायक और एमएलसी का जारी आधिकारिक पहचान पत्र या बैंक या डाकघर से जारी फोटो वाली पासबुक.

-मास्क, दो गज की दूरी और बार-बार हाथ धोने को डॉक्टर सोशल वैक्सीन मानते हैं. फिलहाल हम सबके पास सबसे असरदार वैक्सीन भी यही है. इसका प्रयोग सभी को करना चाहिए.

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