राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के मौके पर टुकड़े-टुकड़े गैंग भी खुश हुआ होगा क्योंकि हिंसा के रूप में उसने अपनी उपलब्धि पूरी कर ली.
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राष्ट्रपति ट्रंप की भारत यात्रा के मौके पर टुकड़े-टुकड़े गैंग भी खुश हुआ होगा क्योंकि हिंसा के रूप में उसने अपनी उपलब्धि पूरी कर ली. दिल्ली में नागरिकता कानून को लेकर मंगलवार को भी हिंसा हुई. दंगाइयों ने सड़कों पर पथराव किया और गाड़ियों में भी आग लगा दी. ये दिल्ली के वो इलाके हैं, जो हिंसा से प्रभावित हैं. रविवार से शुरू हुई हिंसा में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. घायलों में 56 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. वहीं, एक न्यूज चैनल के पत्रकार को भी गोली लगी है.
जाफराबाद के पास मौजपुर में मंगलवार सुबह दंगाइयों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी. फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी निशाना बनाया, जिसमें तीन दमकल कर्मी घायल हुए हैं. करावल नगर और भजनपुरा इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है. करावल नगर में पैरामिलिट्री फोर्स के जवान पर तेजाब फेंका गया है. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पुलिसकर्मियों के साथ पैरामिलिट्री फ़ोर्स को भी तैनात किया गया है. दंगाइयों पर ड्रोन से भी नजर रखी जा रही है. अशांत इलाकों में धारा 144 लगी हुई है.
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मुख्य राजनीतिक दलों के नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल भी मौजूद थे. बैठक में अमित शाह ने कहा कि इस स्थिति से दलगत राजनीति से ऊपर उठना होगा. दिल्ली में हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की गई है, जिस पर कोर्ट कल सुनवाई करेगा.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रविवार को जाफराबाद इलाके में जो हुआ, वो रणनीति के तहत किया गया था. हमने कल भी आपसे कहा था कि दिल्ली में जो हिंसा हुई, वो प्रायोजित लगती है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पहले भी जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति भारत आया है, तब टुकड़े-टुकड़े गैंग ने पाकिस्तान का काम आसान करते हुए भारत में अशांति या हिंसा फैलाई है. मार्च 2000 में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आए थे. तब जम्मू-कश्मीर के छत्ती सिंहपुरा में आतंकवादियों ने 35 सिखों की हत्या कर दी थी.
इसी तरह बराक ओबामा जब वर्ष 2010 में भारत आए थे, तब उनके आने से पहले जम्मू-कश्मीर में हिंसा की गई थी. पुलिस ने पहले ही, खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर अलर्ट जारी कर कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के समय हिंसक प्रदर्शन बढ़ सकते हैं.
पाकिस्तान परस्त ब्रिगेड इस काम को अपनी उपलब्धि मान सकता है लेकिन ऐसी हिंसा देश के लिए खतरनाक है. ऐसी हिंसा समाज का भाईचारा तोड़ती है. पड़ोसियों के बीच अविश्वास बढ़ाती है और सबसे बड़ी बात- ड्यूटी पर डटे पुलिसवालों का मनोबल गिराती है. हिंसा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतनलाल की हत्या एक खतरनाक संदेश देती है. कल हिंसक भीड़ का शिकार बने रतनलाल का पार्थिव शरीर आज शाम उनके घर ले जाया गया. राजस्थान के सीकर में शहीद रतनलाल का अंतिम संस्कार किया जाएगा.
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रविवार को जाफराबाद इलाके में जो हुआ था, वो रणनीति के तहत किया गया था. दिल्ली पुलिस ने खुफिया रिपोर्ट्स के आधार पर अलर्ट जारी कर कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप के भारत दौरे के समय प्रदर्शन बढ़ सकते हैं. पुलिस का कहना है कि इसके पीछे वही ताकतें हैं, जो शाहीन बाग में सक्रिय हैं.
ऐसे पहले भी हआ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरों के समय देश को बदनाम करने की कोशिश हुई है. मार्च 2000 में जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे पर आए थे . तब जम्मू-कश्मीर के छत्ती सिंहपुरा में आतंकवादियों ने 35 सिखों की हत्या कर दी थी. इसी तरह बराक ओबामा जब वर्ष 2010 में भारत आए थे, तब उनके आने से पहले जम्मू-कश्मीर में हिंसा की गई थी और बंद बुलाया गया था.