DNA Analysis: E Scooter या चलता फिरता बम? कैसे बचेगी ग्राहकों की जान
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DNA Analysis: E Scooter या चलता फिरता बम? कैसे बचेगी ग्राहकों की जान

DNA Analysis: कोई अपना E Scooter जला रहा है तो कोई गधे से खिंचवा रहा है. कई लोगों के लिए ये स्कूटर मौत का सबब बन चुका है. घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है और हमारी सरकार Electric Scooters के ग्राहकों का जीवन बचाने के लिए क्या कर रही है?

फोटो साभार: वीडियोग्रैब

DNA Analysis: एक ऐसी खबर, जो आपको परेशान कर सकती है लेकिन इसे जानना आपके लिए बहुत जरूरी है. क्योंकि ये आपकी या आपके परिवार और दोस्तों की सुरक्षा से जुड़ा है. तमिलनाडु में एक व्यक्ति ने अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को आग लगाकर जला दिया. वो अपने E Scooter में लगातार आ रही खराबी परेशान था. ये E Scooter सिर्फ तीन महीने पुराना था. इसकी कीमत करीब डेढ़ लाख रुपए थे. लेकिन तीन महीने में ही इस इलेक्ट्रिक स्कूटर का मालिक इतना परेशान हो गया कि उसने खुद ही इसे आग के हवाले कर दिया.

कंपनी के सारे दावे झूठे निकले

तमिलनाडु के अंबूर में रहने वाले इस व्यक्ति का नाम जी पृथ्वीराज है. वो पेशे से फिजीयोथेरेपिस्ट हैं. पृथ्वीराज ने जनवरी में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदा, लेकिन उसमें लगातार कोई न कोई तकनीकी दिक्कत आ रही थी. पृथ्वीराज का आरोप है कि उन्होंने E Scooter बनाने वाली कंपनी से इसकी कई बार शिकायत की, लेकिन कंपनी ने उनकी समस्या का समाधान नहीं किया. उनका कहना है कि कंपनी ने स्कूटर बेचते समय इसकी माइलेज और Performance को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन वो सारे दावे झूठे निकले. पिछले मंगलवार को पृथ्वीराज अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर के रजिस्ट्रेशन के लिए पास के शहर में गए थे. वहां से लौटते समय उनका E Scooter अचानक बंद हो गया. 

पेट्रोल छिड़ककर लगा दी स्कूटर में आग 

पृथ्वीराज ने ई स्कूटर बनाने वाली कंपनी के कस्टमर केयर से मदद मांगी, लेकिन उन्हें लंबा इंतजार करने को कहा गया. इससे हताश और परेशान पृथ्वीराज ने पेट्रोल छिड़क कर अपने E Scooter में ही आग लगा दी. डेढ़ लाख का स्कूटर 10 मिनट में जलकर खाक हो गया. लोग बड़े शौक से अपने सपनों की गाड़ी खरीदते हैं. चाहे वो दो पहिया वाहन हो या चार पहिया. अगर कोई व्यक्ति अपने वाहन को खुद ही आग लगा देता है तो आप उसकी तकलीफ और हताशा को समझ सकते हैं.

गधे से बांध कर खिंचवाया स्कूटर

तमिलनाडु के अलावा महाराष्ट्र से भी ऐसी ही खबर आई है कि एक व्यक्ति अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर से इतने परेशान हो गया कि उसने स्कूटर को गधे से बांध कर खिंचवाया. महाराष्ट्र के बीड में रहने वाले सचिन गिट्टे ने महज 6 दिन पहले ई स्कूटर खरीदा था. लेकिन एक सप्ताह से कम समय में ही E Scooter बंद हो गया. आरोप है कि उसने E Scooter कंपनी ने शिकायत करने के बावजूद उसकी मदद नहीं की. कंपनी के प्रति विरोध जताने के लिए सचिन गिट्टे ने एक दिलचस्प तरीका चुना. उसने इलेक्ट्रिक स्कूटर को सड़क गधे से बांध दिया.

ग्राहकों का जीवन कौन बचाएगा

आखिर क्यों कोई व्यक्ति अपना नया ई स्कूटर जला रहा है? तमिलनाडु में रहने वाले पृथ्वीराज ने तो खुद ही स्कूटर जला दिया लेकिन हाल में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं जब इलेक्ट्रिक स्कूटर जलती भट्टी में बदल गया. पिछले दो महीने में सात से ज्यादा ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें  Electric Scooters में उन्हें चार्ज करते समय या फिर चलाते समय आग लग गई. अब तक ऐसी दुर्घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. आज हम आपको बताएंगे कि इन घटनाओं के लिए कौन जिम्मेदार है और हमारी सरकार Electric Scooters के ग्राहकों का जीवन बचाने के लिए क्या कर रही है?

आंध्र प्रदेश में पति मरा, पत्नी और बच्ची घायल

इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने का एक और ताजा मामला आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा का है, जहां  Electric Scooter में हुए धमाके की वजह से एक व्यक्ति की जान चली गई. 23 अप्रैल को जब वो अपने Electric Scooter को कमरे के अंदर चार्ज कर रहे थे, तभी उसकी बैटरी में धमाका हो गया, जिसमें 40 साल के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी और बच्ची घायल हो गई. ये Scooter बिल्कुल नया था और दुर्घटना के एक दिन पहले ही खरीदा गया था.  

तेलंगाना में भी हुई मौत

तेलंगाना के निजामाबाद में एक Electric Scooter की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं. बताया गया कि वो अपने  Electric Scooter स्कूटर को घर के अंदर चार्ज कर रहे थे, तभी उसकी बैटरी में विस्फोट हो गया. इस दुर्घटना में उनके बेटे को भी गहरी चोटें आईं. ये घटना 21 अप्रैल की है और घायल बुज़ुर्ग महिला अभी भी अस्पताल में ICU में भर्ती है.

केन्द्रीय परिवहन मंत्री ने दी चेतावनी 

अब तक Electric Scooter में आग लगने की जितनी भी घटनाएं हुई हैं, उनमें वाहन की बैटरी ही सबसे बड़ी वजह बनी है. चाहे स्कूटर चल रहा हो या फिर उसकी बैटरी चार्ज की जा रही हो. अब इस मामले की जांच के लिए भारत सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है और केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने Electric Scooter बनाने वाली कंपनियों को चेतावनी दी है कि अगर स्कूटर की सुरक्षा में कोई भी समझौता पाया गया तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार इन सभी घटनाओं की Forensic जांच कराएगी और अगर इस जांच में इन वाहनों को बनाने वाली कम्पनियां जिम्मेदार पाई जाती हैं, तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी.

कंपनियां बदल रहीं खराब स्कूटर 

सरकार की इस चेतावनी का कंपनियों पर असर भी पड़ा. अब Electric Scooter बनाने वाली कंपनियों ने अपने खराब Scooter बदलने की प्रक्रिया शुरु कर दी है. अब तक करीब साढ़े 6 हज़ार ऐसे Scooter कंपनियां वापस ले चुकी हैं. इसमें OLA ने 1,441 Scooter वापस लिए हैं,   okinawa ने 3,215 Scooter ग्राहकों के पास से मंगा लिए हैं. pure ev नाम की कंपनी ने भी 2,000 Scooter वापस मंगा लिए हैं

पर्यावरण के लिए जरूरी हैं इलेक्ट्रिक वाहन

लेकिन यहां हम एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं है, आज के समय ये Technology हमारे लिए कीमत के साथ साथ पर्यावरण के लिए भी जरूरी है और हम इसका समर्थन करते हैं. लेकिन हम ये भी मानते हैं कि अगर इस Technology में कोई खामी है तो उसमें सुधार लाना आवश्यक है. उदाहरण के लिए, इन Electric वाहनों में Lithium-Ion (लीथियम-आयन) Battery का इस्तेमाल होता है. लीथियम आयन बैटरी की खूबी होती है कि ये गर्म वातावरण में बेहतर तरीके से काम करती है लेकिन काफी अधिक तापमान होने पर इनमें आग पकड़ने की आशंका रहती है. इसके अलावा Manufacturing के दौरान अगर कोई कोई खामी रह जाए तो भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं.

2030 तक 90 गुना बढ़ेगी इंडस्ट्री

भारत में Registered Electric वाहनों की संख्या 10 लाख 76 हजार 420 है. जबकि भारत में Public Charging Stations की संख्या अब 1 हजार 742 हो चुकी है. हालांकि एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2026 तक भारत को चार लाख Charging Stations की जरूरत पड़ेगी. और वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की ये Industry 150 Billion Dollar यानी लगभग साढ़े 11 लाख करोड़ रुपये की हो जाएगी. यानी आज की तुलना में ये Industry 90 गुना बड़ी हो जाएगी.

सुरक्षा सबसे जरूरी

इन आंकड़ों से ये पता चलता है कि भारत के लोग इस Technology को अपनाना चाहते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कम्पनियों को समझना होगा कि अगर वो इस Technology को सुरक्षित नहीं बनाएंगी तो लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से बचने लगेंगे और ये अच्छी बात नहीं होगी. 

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