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नई दिल्ली: शुक्रवार को देश में वैक्सीन लगने का रिकार्ड बना. एक दिन में एक करोड़ से अधिक कोरोना के टीके लगे. अगर चीन को छोड़ दें तो एक दिन में सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने के मामले में भारत ने नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. चीन का दावा है कि उसने एक दिन में करीब दो करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई थी. लेकिन चीन के दावों पर यकीन नहीं किया जा सकता. अब तक भारत में वैक्सीन की लगभग 62 करोड़ डोज़ लग चुकी है, जिनमें 14 करोड़ लोग ऐसे हैं, जिन्हें दोनों डोज लग चुकी हैं.
हालांकि अगर आप Covid-19 को भूलने लगे हैं और आपको लग रहा है कि अब सब सामान्य हो चुका है तो हम आपको बता दें कि एक नई स्टडी में पता चला है कि कोविड से ठीक हो चुके 40% मरीजों के हार्ट में कुछ ना कुछ गड़बड़ पाई गई. दिल्ली के एक बड़े सरकारी अस्पताल में ऐसे 134 मरीजों पर एक स्टडी की गई जिन्हें कोरोना हुआ था. दरअसल इंसान का हृदय चार चेंबर्स (Chambers) में बंटा होता है. इस स्टडी में 30 % मरीज़ों के बाएं चैंबर में खराबी पाई गई जबकि 11% मरीज़ ऐसे थे जिनके हृदय के दाएं चैंबर में खराबी पाई गई.
इस स्टडी में शामिल 10% मरीज ऐसे थे, जिनमें Covid के दौरान कोई लक्षण नहीं था यानी ये लोग Asymptomatic थे. जबकि 46% मरीजों को हलके लक्षण थे, 37 प्रतिशत मरीज़ों में ठीक ठाक लक्षण थे. जबकि 11% ऐसे थे जो गंभीर रूप से बीमार हो गए थे. इसका मतलब ये है कि कोविड के लक्षण कम हों या ज्यादा हों. या फिर कोविड के दौरान आपको कोई लक्षण ना रहा हो लेकिन इससे ठीक होने के बाद भी आपके ह्रदय पर इसका असर पड़ सकता है.
डॉक्टरों का मानना है कि जिन मरीज़ों के हृदय में खराबी पाई गई है, उन्हें अपने हृदय पर नजर रखनी चाहिए. क्योंकि ये खराबी दिल की गंभीर बीमारियों में भी बदल सकती है. इसके अलावा अगर COVID से ठीक होने के बाद किसी के हृदय की गति बहुत धीमी या बहुत तेज गति से चलती है. बार बार सीने में दर्द की शिकायत होती है या फिर सांस लेने में परेशानी है तो ऐसे लोगों को फौरन डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.
कोरोना से ठीक होने के बाद भी जब कोई लंबे समय तक बीमार रहता है तो उसे Long Covid कहा जाता है. इसके लक्षणों की बात करें तो लगातार थकावट का बने रहना, किसी भी काम पर ध्यान देने में परेशानी होना, खांसी, पेट दर्द , बालों का झड़ना, नींद ना आना, शरीर पर Rashes होना और बार बार होने वाला सिरदर्द भी Long Covid के लक्षण हैं. आपको भी इनमें से कोई लक्षण हों तो आपको इसे गंभीरता से लेते हुए अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
अफगानिस्तान संकट ने भले दुनिया को बेचैन किया है लेकिन अमेरिका के लिए ये संकट किसी ऑक्सीजन से कम नहीं है. इस समय अमेरिका में कोरोना का जबरदस्त विस्फोट हुआ है. बीते 24 घंटे में वहां कोरोना के लगभग पौने दो लाख नए मामले सामने आए हैं. 1500 लोग इस बीमारी से मर चुके हैं. और अमेरिका अपने 52 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लगाने के बाद भी कोरोना की चौथी लहर से संघर्ष कर रहा है. लेकिन दुनिया इस पर अमेरिका की नाकामी की बात नहीं कर रही है.
अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य के ज्यादातर अस्पतालों में अब नए मरीजों के लिए जगह नहीं बची है. फ्लोरिडा के अलावा Alabama, Georgia, Mississippi, और Texas जैसे राज्यों में अब सिर्फ 10 प्रतिशत ICU Beds ही खाली हैं. Florida में तो स्थिति ये हो गई कि अब वहां के अस्पतालों में Oxygen की कमी होने लगी है. कब्रिस्तानों में लाशे दफनाने के लिए लंबी Waiting List है. जो लोग अस्पतालों में मर रहे हैं..उनकी लाशों को Refrigerated Coolers में रखा जा रहा है..क्योंकि अब अस्पतालों की मोर्चरी में भी जगह नहीं है.
भारत में जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी, तब अमेरिका के बड़े बड़े अखबारों ने इसे अपने पहले पन्ने पर जगह दी थी और भारत सरकार की आलोचना की थी. लेकिन अमेरिका खुद अब इस वायरस की चौथी लहर से संघर्ष कर रहा है और वहां की स्थिति भी भारत से कुछ ज्यादा बेहतर नहीं है. बुधवार तक स्थिति ये थी कि फ्लोरिडा के 68 अस्पतालों में 48 घंटे से भी कम की ऑक्सीजन बची थी. फ्लोरिडा के क्रबिस्तानों में जो लाशे पहुंच रही है. उन्हें दफनाने से पहले कई घंटे तक Refrigerated coolers में रखा जा रहा है. अमेरिका के लोगों का आरोप है कि सरकार लोगों की मदद नहीं कर रही और इस वजह से स्थिति हर दिन खराब हो रही है.