बजट में सरकार अपनी आमदनी और खर्च का पूरा हिसाब देती है. मान लीजिए की सरकार की आमदनी 1 रुपये है, तो ये 1 रुपया कहां-कहां से आएगा और कहां खर्च होगा, यहां हम आपको बताएंगे.
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नई दिल्ली: बजट में सरकार अपनी आमदनी और खर्च का पूरा हिसाब देती है. बजट के जरिए सरकार देश को बताती है कि उसकी आय का जरिया क्या है और कहां-कहां उसने पैसे खर्च किए हैं.
मान लीजिए की सरकार की आमदनी 1 रुपये है, तो ये 1 रुपया कहां-कहां से आएगा. सबसे ज्यादा 36 पैसे उधार से आते हैं. GST से 15 पैसे मिलते हैं. इनकम टैक्स से 14 पैसे मिलते हैं. कॉरपोरेशन टैक्स से 13 पैसे प्राप्त होते हैं. एक्साइज ड्यूटी से 8 पैसे मिलते हैं. गैर-उधारी पूंजी, विनिवेश से 5 पैसे आते हैं. Non-Tax Revenue यानी सरकार के पैसे से चलने वाली कंपनियों, बॉन्ड्स से 6 पैसे मिलते हैं और कस्टम ड्यूटी से 3 पैसे मिलते हैं.
-20 पैसे ब्याज चुकाने में चले जाते हैं.
-टैक्स के रूप में 16 पैसे राज्यों के पास चले जाते हैं.
-14 पैसे केंद्रीय योजनाओं पर खर्च होते हैं.
-वित्त आयोग के लिए 10 पैसे दिए जाते हैं.
-केंद्र प्रायोजित योजनाओं में 9 पैसे खर्च होते हैं.
-देश की रक्षा पर 8 पैसे खर्च होते हैं.
-सब्सिडी पर भी इतने ही 8 पैसे खर्च होते हैं.
-पेंशन पर 5 पैसे खर्च होते हैं.
-और 10 पैसे दूसरे खर्च में चले जाते हैं.
ये तो हुआ सरकार की आय और खर्च का हिसाब. अब आप ये समझिए कि किस मंत्रालय को आज कितना बजट अलॉट हुआ. अगर मान लिया जाए कि 10 बड़े मंत्रालयों को कुल 1 रुपया मिला, तो इस हिसाब से रक्षा मंत्रालय को सबसे ज्यादा करीब 30 पैसे दिए गए.
-खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय को करीब 19 पैसे आवंटित किए गए.
-गृह मंत्रालय को खर्च के लिए 10.3 पैसे मिले.
-ग्रामीण विकास मंत्रालय को करीब सवा 8 पैसे मिले.
-कृषि मंत्रालय को 8 पैसे मिले.
-रेल मंत्रालय को करीब 7 पैसे मिले और स्वास्थ्य मंत्रालय को लगभग 5 पैसे मिले. हालांकि इस बार सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 137 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है.