DNA ANALYSIS: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रेसिडेंशियल डिबेट में भारत का असर!
Advertisement
trendingNow1758319

DNA ANALYSIS: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रेसिडेंशियल डिबेट में भारत का असर!

दोनों उम्मीदवार बहस के लिए तय किए गए 6 मुद्दों से दूर रहे. आपने भी अक्सर भारतीय न्यूज चैनलों की डिबेट्स में ऐसा ही शोर सुना होगा. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक ट्रंप ने बाइडेन को 73 बार टोका. उन्हें सही तरीके से जवाब देने का मौका नहीं दिया.

DNA ANALYSIS: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की प्रेसिडेंशियल डिबेट में भारत का असर!

नई दिल्ली: अब हम अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में भारत के असर की बात करेंगे. 30 सितंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडेन के बीच पहली डिबेट हुई थी. डिबेट को देखकर ऐसा लगा मानो अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार आजकल भारतीय न्यूज चैनलों पर होने वाली डिबेट्स को देख रहे हैं और उसकी नकल भी कर रहे हैं. 90 मिनट की बहस में ट्रंप और बाइडेन लगातार एक-दूसरे पर निजी हमले करते रहे.

चुनावी चर्चा में ट्रंप ने भारत पर लगाए बड़े आरोप
दोनों उम्मीदवार बहस के लिए तय किए गए 6 मुद्दों से दूर रहे. आपने भी अक्सर भारतीय न्यूज चैनलों की डिबेट्स में ऐसा ही शोर सुना होगा. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक ट्रंप ने बाइडेन को 73 बार टोका. उन्हें सही तरीके से जवाब देने का मौका नहीं दिया.

इस डिबेट में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बातें सुनकर भारतीयों को बड़ी निराशा हुई. जब भी भारत और अमेरिका के संबंधों की बात होती है तो ट्रंप खुद को भारत का बड़ा समर्थक बताते हैं. हालांकि अमेरिका में हुई चुनावी चर्चा में ट्रंप ने भारत पर बड़े आरोप लगाए.

उन्होंने कहा कि अमेरिका कोरोना से मौत के सही आंकड़े दे रहा है लेकिन चीन, रूस और भारत सही आंकड़े नहीं दे रहे हैं. यानी ट्रंप ने उस चीन को भारत के बराबर मान लिया, जिसने पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाया.

ट्रंप इतने पर ही नहीं रूके. जलवायु परिवर्तन के समझौते पर भी ट्रंप ने भारत पर आरोप लगाए. इसलिए आज आपके लिए ट्रंप की इन बातों को सुनना बेहद जरूरी है.

आपको याद होगा कोरोना संक्रमण की शुरुआत में भारत ने अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी थी. तब ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की बड़ी तारीफ की थी. लेकिन जब कोरोना पर अमेरिका के सामने जवाब देने का समय आया तो ट्रंप चीन और रूस के साथ भारत का नाम जोड़ने से नहीं चूके.

ओपिनियन पोल में लोगों ने क्या कहा...
पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद अमेरिका की बड़ी मीडिया कंपनियों ने ओपिनियन पोल किए और दोनों उम्मीदवारों के बारे में अमेरिका की जनता के विचारों की जानकारी इकट्ठा की.

- अमेरिकी मीडिया कंपनी सीएएन के सर्वे के मुताबिक, डिबेट देखने वाले 10 में से 6 लोगों ने जो बाइडेन को बेहतर माना. हालांकि 10 में से सिर्फ 3 लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप का साथ दिया.

- अमेरिका के एक और न्यूज़ नेटवर्क सीबीएस ने भी सर्वे किया. इस सर्वे में 10 में से 5 लोगों ने बाइडेन का साथ दिया, जबकि 10 में से 4 लोगों ने ट्रंप को विजयी माना. यानी पहली डिबेट के बाद से बाइडेन आगे चल रहे हैं.

- सीएएन के सर्वे के मुताबिक कोरोना संक्रमण के मुद्दे पर हुई बहस में बाइडेन ने ट्रंप को पराजित कर दिया.

- सीबीएस के सर्वे में एक बड़ी बात सामने आई है. बहस के गिरते स्तर की वजह से ही 69 प्रतिशत लोग इस डिबेट को देखकर नाराज हुए. डिबेट देखने वालों में एक तिहाई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इस बहस को एंटरटेनमेंट माना. 19 प्रतिशत लोग इस बहस से निराश हो गए और अमेरिका के 17 प्रतिशत लोग ऐसे भी थे जिन्हें इस बहस से जानकारी मिली.

- सबसे महत्वपूर्ण बात है कि डिबेट देखने वाले 65 प्रतिशत लोगों ने माना कि बाइडेन सच बोल रहे हैं जबकि ट्रंप को सच्चाई के लिए सिर्फ 29 प्रतिशत वोट मिले.

दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट 15 अक्टूबर को अमेरिका के मियामी शहर में होगी. मियामी में ट्रंप जनता को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकते हैं.

अमेरिका में डिबेट के गिरते स्तर का नकारात्मक असर
अमेरिका में डिबेट के गिरते स्तर का एक और नकारात्मक असर दिखाई दिया. कल​ डिबेट शुरू होने के एक घंटे बाद अमेरिका के लोगों ने गूगल पर कुछ खास शब्दों को सर्च किया और ये शब्द हैं - How to Apply for Canadian Citizenship... यानी अमेरिका के कई लोग अब अपने पड़ोसी देश कनाडा की नागरिकता लेना चाहते हैं या फिर वो इसके बारे में सोच रहे हैं. आप अमेरिका की जनता के बारे में सोचिए. अमेरिका के नागरिक होते हुए भी जब वहां के लोगों ने डिबेट का गिरता स्तर देखा तो उन्होंने ये सोचा कि अब उन्हें अमेरिका में नहीं रहना चाहिए.

हालांकि अमेरिका में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है. अमेरिका में हर बार चुनावों के समय, वहां के बहुत सारे लोग कनाडा की नागरिकता लेने के बारे में विचार करते हैं और उनमें से कई लोग कनाडा की नागरिकता स्वीकार भी कर लेते हैं.

अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच इन डिबेट्स का इतिहास 162 वर्ष पुराना है. अब इसका विश्लेषण करते हैं.

प्रेसिडेंशियल डिबेट की टीवी पर शुरुआत 1960 में हुई
अमेरिका में प्रेसिडेंशियल डिबेट की टीवी पर शुरुआत वर्ष 1960 में हुई थी. उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रिचर्ड निक्सन और जॉन एफ केनेडी के बीच पहली बार टेलीविजन पर डिबेट हुई थी.

तब 47 वर्ष के रिचर्ड निक्सन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति थे और 43 वर्ष के जॉन एफ केनेडी एक सीनेटर यानी सांसद थे. इस चुनाव में निक्सन, रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार थे और डेमोक्रेटिक पार्टी ने केनेडी को अपना उम्मीदवार बनाया था.

वर्ष 1960 में अमेरिका में टीवी पर पहली ​प्रेसिडेंशियल डिबेट को 7 करोड़ लोगों ने देखा था. तब अमेरिका की जनसंख्या करीब 19 करोड़ थी. यानी अमेरिका के हर तीन में से एक व्यक्ति ने इस डिबेट को देखा और सुना था.

राष्ट्रपति चुनाव में केनेडी की जीत
जॉन एफ केनेडी ने इस डिबेट के लिए पूरी तैयारी की थी. एक दिन पहले उन्होंने टीवी प्रोड्यूसर्स से मिलकर कैमरा एंगल के बारे में जानकारी ली थी. इस डिबेट में केनेडी ने कैमरे में देखकर जवाब दिए थे और अमेरिका की जनता को उनमें आत्मविश्वास वाले नेता की छवि दिखाई दी. इस डिबेट ने अमेरिका की राजनीति में जॉन एफ केनेडी को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित कर दिया था.

इस चुनाव के समय रिचर्ड निक्सन अमेरिका के उप-राष्ट्रपति थे. कुछ दिन पहले ही उन्हें फ्लू हुआ था और वो इस टीवी डिबेट में भी बीमार दिखाई दे रहे थे. निक्सन ने अपना पक्ष रखते समय टीवी दर्शकों के बदले वहां पर मौजूद पत्रकारों को संबोधित किया था. कुल मिलाकर इस टेलीविजन डिबेट में निक्सन की बॉडी लैंग्वेज असरदार नहीं दिखी.

एक स्टडी के मुताबिक इस डिबेट को देखने के बाद अमेरिका के 40 लाख वोटरों ने अपना उम्मीदवार तय कर लिया था और इन 40 लाख में से 30 लाख लोगों ने जॉन एफ केनेडी को वोट दिया. उस वक्त राष्ट्रपति चुनाव में केनेडी जीत गए.

इस साल के चुनाव की बात करें तो अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में अभी 33 दिन बाकी हैं और अभी ​प्रेसिडेंशियल डिबेट्स का ये सिलसिला चलता रहेगा.

ये भी देखें-

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news