मार्क जुकरबर्ग के बयान पर विवाद! ‘हेट-स्पीच’ पर हर व्यक्ति के लिए FB की अलग पॉलिसी?
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मार्क जुकरबर्ग के बयान पर विवाद! ‘हेट-स्पीच’ पर हर व्यक्ति के लिए FB की अलग पॉलिसी?

विवादस्पद बयानबाजी के लिए मशहूर अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चल रही है. ट्विटर पर #ArrestSwaraBhasker ट्रेंड कर रहा है. लोगों का कहना है कि भड़काऊ भाषणों के लिए स्वरा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

मार्क जुकरबर्ग के बयान पर विवाद! ‘हेट-स्पीच’ पर हर व्यक्ति के लिए FB की अलग पॉलिसी?

नई दिल्ली: विवादस्पद बयानबाजी के लिए मशहूर अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चल रही है. ट्विटर पर #ArrestSwaraBhasker ट्रेंड कर रहा है. लोगों का कहना है कि भड़काऊ भाषणों के लिए स्वरा को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि CAA और NRC के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में अभिनेत्री ने सरकार विरोधी बयानबाजी की थी. इसके अलावा, उन्होंने बहुत कुछ ऐसा भी कहा था जिसे भड़काऊ भाषणों की श्रेणी में रखा जा सकता है. स्वरा भास्कर के खिलाफ इस मुहिम में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग का बयान सामने आने के बाद एकदम से तेजी आ गई है.

मार्क ने कर्मचारियों के साथ बैठक में भड़काऊ भाषणों के उदाहरण के तौर पर भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भाषण का जिक्र किया है. हालांकि, मार्क ने कपिल का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने जिस घटना का उल्लेख किया है उससे यह साफ़ पता चलता है कि वे भाजपा नेता की ही बात कर रहे हैं. दरअसल, मार्क जुकरबर्ग अपने कर्मचारियों को सफाई दे रहे थे कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की. इस दौरान उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि ‘भारत में ऐसे मामले सामने आये हैं जहां किसी ने कहा कि यदि पुलिस ने कुछ नहीं किया तो हमारे समर्थक आएंगे और सड़कें खाली करा लेंगे. यह बयान समर्थकों को हिंसा के लिए भड़काने वाला है’.       

इसमें कोई दोराय नहीं कि हिंसा के लिए भड़काने वालों पर कार्रवाई होनी ही चाहिए, फिर भले ही किसी भी धर्म या पार्टी का क्यों न हो, लेकिन यदि हर व्यक्ति के लिए अलग मानदंड अपनाए जाएंगे तो सवाल उठाना लाज़मी है जैसे कि स्वरा भास्कर को लेकर उठ रहे हैं. जुकरबर्ग को यदि कपिल मिश्रा का भाषण भड़काऊ लगता है, तो फिर उन्हें स्वरा भास्कर के शब्दों पर भी आपत्ति होनी चाहिए. ऐसा नहीं हो सकता कि वह व्यक्ति देखकर अपनी नीतियों को लागू करें. सोशल मीडिया पर आजकल किसी पोस्ट को भड़काऊ या आपत्तिजनक मानकर हटाना आम हो गया है. लेकिन इस प्रक्रिया में निष्पक्षता की कमी साफ तौर पर नजर आती है. फिर चाहे वह ट्विटर हो या फेसबुक, दोनों ही एक ही ढर्रे पर आगे बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि उनकी कार्रवाई पर हंगामा भी आम हो गया है. 

अब यह भी समझ लेते हैं कि आखिर स्वरा भास्कर ने ऐसा क्या कहा था जिस पर अब बवाल हो रहा है. सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे दिल्ली में CAA विरोधी प्रदर्शनों का बताया जा रहा है. इस वीडियो में स्वरा लोगों को यह कहती दिखाई दे रही हैं कि ‘वो आंसू गैस चलाएंगे, हम कागज नहीं दिखाएंगे’. इसके अलावा भी उन्होंने सरकार के विरोध में लोगों को उकसाने के लिए काफी कुछ कहा. अपने इस भाषण में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि मुसलमानों को क्यों निशाना बनाया जाता है? हमे अपनी बात को उठाने के लिए आवाज बुलंद करनी पड़ेगी’. लोगों का कहना है कि दिल्ली में दंगे भड़काने में स्वरा ने अहम् भूमिका निभाई है, लिहाजा उन्हें गिरफ्तार किया जाए. इसलिए #ArrestSwaraBhasker ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. 

बात करें मार्क जुकरबर्ग की अमेरिकी में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की हिसा को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई फेसबुक पर कई पोस्ट किये थे, जिन्हें नस्लीय भेदभाव को बढ़ाने वाला करार दिया गया था. लेकिन इसके बावजूद फेसबुक ने उन्हें हटाने की जहमत नहीं उठाई. मार्क जुकरबर्ग क इसके लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी और आलोचना करने वालों में फेसबुक के कर्मचारी भी शामिल रहे. यही वजह रही कि जुकरबर्ग को सफाई देने के लिए अपने 25 हजार कर्मचारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बात करनी पड़ी. इस दौरान उन्होंने अपने फैसले का बचाव किया और हिंसा भड़काने वाले बयानों के रूप में कपिल मिश्रा के भाषण का जिक्र कर बैठे. यहां सोचने वाली बात यह है कि भड़काऊ भाषण की श्रेणी में रखने के लिए उन्हें कोई और बयान क्यों नजर नहीं आया. क्या जिस तरह से फेसबुक के लिए ट्रंप की पोस्ट ‘सही है’ क्या उसी तरह स्वरा भास्कर के बयान भी उसे जायज नजर आते हैं? मार्क जुकरबर्ग को इस सवाल का जवाब भी देना चाहिए.

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