TDP क्या NDA में करना चाहती है वापसी, चंद्रबाबू नायडू और अमित शाह की मुलाकात के बाद अटकलें तेज
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TDP क्या NDA में करना चाहती है वापसी, चंद्रबाबू नायडू और अमित शाह की मुलाकात के बाद अटकलें तेज

Andhra Pradesh Politics: बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच  बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में देरी के विरोध में टीडीपी ने 2018 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था. 

TDP क्या NDA में करना चाहती है वापसी, चंद्रबाबू नायडू और अमित शाह की मुलाकात के बाद अटकलें तेज

Amit Shah and Chandrababu Naidu Meeting: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार देर शाम आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी ) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से उनके आवास पर मुलाकात की. बैठक ने अटकलों को हवा दी कि दो पूर्व सहयोगी, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और टीडीपी, 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले हाथ मिला सकते हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि  ब्योरे की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति के अनुसार, बैठक एक घंटे से अधिक समय तक चली और दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की. इस व्यक्ति ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि गठबंधन पर निर्णय लिया गया या नहीं.

'बीजेपी के साथ संबंध सुधारना चाहते हैं नायडू'
इस व्यक्ति ने कहा, नायडू, [जिनकी टीडीपी ने केंद्र में सत्ता में आने के बाद सबसे पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोडा था] ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी बीजेपी  के साथ संबंध सुधारने की इच्छुक है.

अप्रैल में दिए गए एक बयान में, नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक दूरदर्शी के रूप में वर्णित किया, जो राष्ट्र की ‘प्रतिष्ठा को बनाए रखने’ और दुनिया को भारत की ताकत दिखाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया में मोदी के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं.

2018 में टीडीपी ने छोड़ दिया था एनडीए
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में देरी के विरोध में टीडीपी ने 2018 में एनडीए से नाता तोड़ लिया था. नायडू ने तब कहा था कि उनका फैसला वार्षिक बजट में केंद्र द्वारा आंध्र प्रदेश की अनदेखी के जवाब में है.

अगर ये दोनों पार्टियां फिर से साथ आती हैं तो यह आंध्र प्रदेश और बाकी दक्षिणी क्षेत्र में अपने पदचिह्न का विस्तार करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखने वाली बीजेपी  के लिए एक बड़ा अवसर होगा. बीजेपी तेलंगाना में एक प्रमुख विपक्षी पार्टी के रूप में उभरी है और अब आंध्र प्रदेश में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जातियों के बीच समर्थन पाने के लिए संघर्ष कर रही है.

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