डोगरा फ्रंट के प्रधान अशोक गुप्ता का कहना था की इस तरह के बयानों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि दिग्विजय सिंह पाकिस्तान के समर्थक हैं, इसलिए ऐसे नेताओं को पकिस्तान भेज देना चाहिए.
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जम्मू: जम्मू-कश्मीर पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी समेत कई दलों ने दिग्विजय के बयान पर आपत्ति जताई है और इसे पाकिस्तान के समर्थन वाला करार दिया है. एक वायरल ऑडियो में दिग्विजय सिंह ने कथित रूप से घाटी में आर्टिकल 370 की बहाली की बात की और कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो इस पर फिर से विचार किया जाएगा.
दिग्विजय सिंह के इस विवाद बयान के खिलाफ घाटी में भी आक्रोश है और इस पर जम्मू कश्मीर की राजनीति दो धड़ों में बंटी नजर आ रही है. एक खेमा कांग्रेस नेता के बयान का समर्थन कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर इसकी खिलाफत भी की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने दिग्विजय के बयान का समर्थन किया है. वहीं बीजेपी और डोगरा फ्रंट खुलकर इसके विरोध में आ गया है.
डोगरा फ्रंट ने सोमवार को जम्मू में दिग्विजय सिंह के खिलाफ रैली निकाल कर उनके बयान की निंदा की. डोगरा फ्रंट ने कांग्रेस पार्टी से उनके नेता के बयान पर सफाई देने की मांग की है. साथ ही कहा कि ऐसे नेताओं को पकिस्तान भेजा जाना चाहिए. जम्मू में प्रदर्शनकारियों ने दिग्विजय सिंह की तस्वीरों को जलाकर अपना गुस्सा जाहिर किया है.
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फ्रंट के प्रधान अशोक गुप्ता का कहना था की इस तरह के बयानों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे साफ होता है कि दिग्विजय सिंह पाकिस्तान के समर्थक हैं, इसलिए ऐसे नेताओं को पकिस्तान भेज देना चाहिए. अशोक गुप्ता ने कांग्रेस से इस बयान पर अपना रुख स्पष्ट करने की भी मांग की है.
सोशल मीडिया पर आए ऑडियो टेप के मुताबिक कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कथित तौर पर कहा था, ‘अनुच्छेद-370 को रद्द करना और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा खत्म करना बहुत ही दुखी करने वाला फैसला है और कांग्रेस पार्टी संभवत: इस मामले को दोबारा देखेगी.’