EC ने खारिज किए RJD के आरोप, जानिए ताजा स्थिति
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EC ने खारिज किए RJD के आरोप, जानिए ताजा स्थिति

RJD के ट्वीट और महागठबंधन के नेताओं के दावे पर चुनाव आयोग ने कहा है कि जहां पर फासला यानी अंतर कम होगा. वहां प्रत्याशी की मांग पर दोबारा मतगणना कराई जाएगी.

आयोग के आरजेडी केआंकड़े पर सवाल उठाते हुए आरोप का खंडन किया है....

नई दिल्ली : बिहार विधानसभा सीटों के लिए अंतिम परिणाम मंगलवार देर रात तक आने की उम्मीद है. सूबे की 243 सीटों में कई सीटों पर कांटे की टक्कर लगातार देखने को मिल रही है. ऐसे में नतीजे घोषित करने में देरी और आरजेडी के आरोप को लेकर चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बाकायदा तथ्य रखते हुए आरजेडी और महागठबंधन के अन्य नेताओं के दावों को खारिज किया है.

चुनाव आयोग की अधिकारिक जानकारी
RJD के ट्वीट और महागठबंधन के नेताओं के दावे पर चुनाव आयोग ने कहा है कि जहां पर फासला यानी अंतर कम होगा. वहां प्रत्याशी की मांग पर दोबारा मतगणना कराई जाएगी. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक सिर्फ 183 सीटों पर ही नतीजे आए हैं. 59 सीटों पर गिनती जारी है. ऐसे में एक राजनीतिक दल का 119 सीटों पर ऐसा भ्रामक दावा पूरी तरह गलत है. 

26 सीटों पर अंतर 1000 से भी कम
बिहार विधानसभा चुनाव में 26 सीटें ऐसी हैं, जिनपर दोनों शीर्ष उम्मीदवारों के बीच अंतर बहुत कम है. ये अंतर एक हजार से भी वोटों का है. ऐसे में एक राउंड की गिनती में खेल पलट सकता है. इन सीटों पर उम्मीदवारों के वोट कम  और ज्यादा हो रहे हैं. ऐसी सीटों के नतीजे निर्णायक दौर में आएंगे, जिसके लिए अभी इंतजार करना होगा.

महागठबंधन का हाल
आयोग की वेबसाइट के मुताबिक महागठबंधन के उम्मीदवार 84 सीट जीत चुके हैं. 

गौरतलब है कि आरजेडी और कांग्रेस के नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों पर नीतीश सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था. और चुनाव आयोग से नतीजों में देरी को लेकर शिकायत की थी. 

इस बीच बिहार बीजेपी ने ऐलान किया है कि 'हम चुनाव जीत चुके हैं.'  नित्यानंद राय ने कहा है कि एनडीए को बिहार में बहुमत मिल चुका है और नीतीश कुमार ही प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे.

ये भी पढ़ें- बिहार चुनाव 2020: 26 सीटों पर वोटों का अंतर 1000 से कम, इन्‍हीं से तय होगा बिहार का सरताज

देरी से आएंगे परिणाम
सूत्रों के मुताबिक इस बार रुझानों और परिणामों में थोड़ी देरी हो सकती है. इसकी वजह ये है कि कोरोना की वजह से ईवीएम मशीनों को ज्यादा संख्या में इस्तेमाल किया गया और ज्यादा मतदान केंद्र बनाए गए थे. इस साल 1,06,515 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जो पिछली बार की तुलना में डेढ़ गुना से भी ज्यादा है.

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