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नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की होने वाली बैठक से पहले पार्टी में जी-23 नेताओं और कांग्रेस नेतृत्व के बीच सुलह की कोशिशें तेज हो गई हैं. आगामी सीडब्ल्यूसी की बैठक में असंतुष्ट ग्रुप से जुड़े नेताओं की प्रमुख मांग मानी जा सकती है. नाराज नेताओं की सबसे प्रमुख मांग कांग्रेस के संगठनात्मक चुनावों को मंजूरी देने की है. खबरों के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) 'दूतों' के जरिए G-23 नेताओं के संपर्क में हैं. इसमें प्रमुख नाम कमलनाथ का बताया जा रहा है तो असंतुष्ट नेताओं से बात कर रहे हैं.
सुलह के संकेत कांग्रेस के उस पत्र से मिले हैं, जिसमें पार्टी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Case) पर एक ज्ञापन सौंपने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने का समय मांगा है. पत्र में साइन करकने वालों में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बाद दूसरे नंबर पर गुलाम नबी आजाद शामिल हैं. गुलाम नबी आजाद जी-23 नेताओं में से एक हैं.
बता दें, कांग्रेस (Congress) पिछले साल अगस्त 2020 से अंतर्कलह से घिरी हुई है, जब सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को जी-23 ग्रुप द्वारा प्रभावी नेतृत्व के लिए एक पत्र लिखा गया था. पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने फिर सोनिया गांधी को सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने के लिए पत्र लिखा था और अब कांग्रेस आलाकमान ने 16 अक्टूबर को बैठक बुलाई है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने हाल ही में कहा था, हमारी पार्टी में कोई अध्यक्ष नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि सभी निर्णय कौन ले रहा है. हम इसे जानते हैं, फिर भी हम नहीं जानते. मेरे किसी वरिष्ठ सहयोगी ने शायद लिखा है या सीडब्ल्यूसी की तत्काल बैठक बुलाने के लिए अंतरिम अध्यक्ष को पत्र लिखने वाला है ताकि बातचीत शुरू की जा सके. कपिल सिब्बल ने एक तरह से कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए थे, उसके बाद यह बड़ा डेवलपमेंट माना जा रहा है.
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वहीं लखीमपुर खीरी कांड के बाद जी-23 ने अपने बयानों में नरमी ला दी है. जी-23 के नेताओं में से एक आनंद शर्मा ने गांधी परिवार की तारीफ की. उन्होंने कहा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के उन किसानों के साथ करुणा और एकजुटता के साहसी कार्य की सराहना करते हैं, जिनके बेटे मारे गए थे. शोक संतप्त किसानों के लिए न्याय के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई, जिसे कानून के शासन का सम्मान करने वाले सभी लोगों का समर्थन करना चाहिए.
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