1988 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा ने कहा, ‘‘ग्रामीण परिवार के एक व्यक्ति को जिसने संघर्ष कर आईएएस की नौकरी पाई. उसे भारत सरकार के सचिव पद से निवृत्ति से दो साल पहले विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में ससम्मान लाना, ये नरेंद्र मोदी और भाजपा ही कर सकते हैं. कृतज्ञ हूं.'’
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लखनऊ/नई दिल्लीः एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए प्रशासनिक सेवा (Administrative Services) से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने वाले गुजरात काडर के पूर्व आईएएस अधिकारी (IAS Officer) अरविंद कुमार शर्मा (Arvind kumar sharma) को पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 12 विधान परिषद सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसके साथ ही उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री बनाए जाने को लेकर अटकलें लगने लगी हैं.
शर्मा ने बातचीत में हालांकि इन अटकलों से संबंधित सवालों को यह कहकर टाल दिया कि ‘‘भाजपा मुझे जो भी जिम्मेदारी देगी, मैं पूरी ईमानदारी के साथ उसका निर्वहन करूंगा.’’ प्रधानमंत्री से नजदीकी के कारण भाजपा के नेताओं के बीच शर्मा को लेकर इस बात की चर्चा जोरों पर है कि उन्हें सरकार में कोई अहम जिम्मेदारी मिल सकती है. हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी तक कुछ नहीं कहा गया है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि भाजपा में शामिल हुए प्रशासनिक अधिकारियों को सरकार में शामिल करना कोई नई बात नहीं होगी. उनके मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर और नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी इसके बेहतर उदाहरण है.
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उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘भाजपा ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है. मैं कृतज्ञ और आभारी हूं. खासकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डाजी का, प्रधानमंत्री मोदी जी का, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजी और अन्य नेताओं का.’’ उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के रहने वाले शर्मा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. वह वर्ष 2001 से 2020 के बीच प्रधानमंत्री मोदी के करीबी सहयोगी अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. वह गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय तथा उसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में भी कार्यरत रहे हैं. उन्होंने समय से दो साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है.
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एक अन्य ट्वीट में 1988 बैच के आईएएस अधिकारी शर्मा ने कहा, ‘‘ग्रामीण परिवार के एक व्यक्ति को जिसने संघर्ष कर आईएएस की नौकरी पाई. उसे भारत सरकार के सचिव पद से निवृत्ति से दो साल पहले विश्व की सबसे बड़ी पार्टी में ससम्मान लाना, ये नरेंद्र मोदी और भाजपा ही कर सकते हैं. कृतज्ञ हूं.'’ भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति ने आज शर्मा के नाम को हरी झंडी दी. भाजपा महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक पार्टी ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और वरिष्ठ नेता लक्ष्मण प्रसाद आचार्य को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. राज्य की 12 विधान परिषद सीटों के लिए 28 जनवरी को मतदान होना है और नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 18 जनवरी है.
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जिन 12 सीटों पर चुनाव होने हैं उसके मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूरा हो रहा है. सेवानिवृत्त होने जा रहे विधान परिषद सदस्यों में स्वतंत्र देव सिंह, दिनेश शर्मा और लक्ष्मण आचार्य के अलावा विधान परिषद के सभापति रमेश यादव (समाजवादी पार्टी) प्रमुख हैं. सपा के अहमद हसन और राजेन्द्र चौधरी ने इस बीच विधान परिषद चुनाव के लिए अपने नामांकन दाखिल किए. सौ-सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सपा के 55, भाजपा के 25, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के आठ, कांग्रेस और ‘‘निर्दलीय समूह’’ के दो-दो और अपना दल (सोनेलाल) और ‘‘शिक्षक दल’’ के एक-एक सदस्य हैं. इनके अलावा विधान परिषद में तीन निर्दलीय सदस्य भी हैं.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में वर्तमान में 402 सदस्य हैं जिनमें भाजपा के 310, सपा के 49, बसपा के 18, अपना दल (सोनेलाल) के नौ, कांग्रेस के सात, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार, निर्दलीय तीन, राष्ट्रीय लोकदल का एक, निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) का एक सदस्य हैं. भाजपा के साथ अपना दल (सोनेलाल) का गठबंधन है.