WhatsApp ने किया HC जज को ई-मेल, कही केस छोड़ने की बात और फिर...
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WhatsApp ने किया HC जज को ई-मेल, कही केस छोड़ने की बात और फिर...

ये ई-मेल हाई कोर्ट की जज प्रतिभा एम. सिंह को मिला है. इस ई-मेल में WhatsApp ने उनसे केस की सुनवाई न करने के लिए कहा है. इस पर सिंह ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. जिसके बाद कंपनी के वकील ने तुरंत मेल वापस लेने की बात कही है. 

WhatsApp ने किया HC जज को ई-मेल, कही केस छोड़ने की बात और फिर...

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) की जज प्रतिभा एम. सिंह (Pratibha M. Singh) ने वॉट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी (WhatsApp New Privacy Policy) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने फेसबुक (Facebook) या वॉट्सऐप (WhatsApp) की तरफ से भेजे गए एक ई-मेल के बाद ये फैसला किया है. 

E-Mail में लिखी थी ये बात

जज प्रतिभा सिंह को मिले इस ई-मेल में लिखा था कि प्राइवेसी मामले मकी सुनवाई नहीं करनी चाहिए. ये मेल पढ़ने के बाद उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह के ई-मेल की जरूरत नहीं थी, क्योंकि वह मामले में सुनवाई नहीं करने जा रही हैं. वहीं फेसबुक तथा व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल तथा मुकुल रोहतगी ने कहा कि ई-मेल को बिना शर्त वापस लिया जा रहा है.

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PIL प्रकृति का है मामला

बहरहाल न्यायमूर्ति सिंह ने कहा कि वह मामले पर सुनवाई नहीं कर सकती हैं और हाई कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि इसे मुख्य न्यायाधीश के आदेश से 18 जनवरी को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें. उन्होंने कहा कि मामला जनहित याचिका (PIL) की प्रकृति का प्रतीत होता है. एक वकील की तरफ से दायर याचिका में कहा गया कि नई प्राइवेसी पॉलिसी संविधान के तहत प्राइवेसी के अधिकारों का हनन करती है. 

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क्या है वॉट्ऐप की नई पॉलिसी

नई नीति उपयोगकर्ता की ऑनलाइन गतिविधियों पर पूरी पहुंच की अनुमति देता है और इसमें सरकार की कोई निगरानी नहीं है. इसके तहत उपयोगकर्ता या तो इसे स्वीकार करता है या ऐप से बाहर हो जाता है, लेकिन वे अपने डाटा को फेसबुक के शेयर स्वामित्व वाले दूसरे मंच या किसी अन्य ऐप के साथ साझा नहीं करने का विकल्प नहीं चुन सकते हैं.

(इनपुट-भाष से भी)

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