कृष्णा ने आरोप लगाते हुए कहा कि 2009 से 2014 के बीच प्रधानमंत्री का किसी पर भी नियंत्रण नहीं था. सरकार और पार्टी में राहुल गांधी का ही नियंत्रण था.
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नई दिल्ली: यूपीए की मनमोहन सरकार में विदेश मंत्री रहे कांग्रेस के पूर्व नेता एसएम कृष्णा ने शनिवार (9 फरवरी) को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए. कृष्णा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान राहुल गांधी केवल सांसद थे. उनके पास पार्टी में कोई पद नहीं था. बावजूद इसके वह सरकार के कामकाज में लगातार दखल देते थे. राहुल के दखल के कारण ही मुझे यूपीए सरकार और कांग्रेस से अलग होना पड़ा. बता दें कि एसएम कृष्णा बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे.
राहुल गांधी के लगातार दखल के कारण छोड़ी कांग्रेस और पद- कृष्णा
एसएम कृष्णा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैं साढ़े तीन साल तक विदेश मंत्री रहा और मेरे बारे में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने भी कुछ नहीं कहा. लेकिन राहुल गांधी के लगातार दखल के कारण मुझे विदेश मंत्री का पद और कांग्रेस को छोड़ना पड़ा. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यूपीए सरकार में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, लेकिन बहुत से फैसले बिना उनकी जानकारी के ले लिए जाते थे.
सरकार और कांग्रेस पर राहुल गांधी का नियंत्रण था- पूर्व विदेश मंत्री
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2009 से 2014 के बीच प्रधानमंत्री का किसी पर भी नियंत्रण नहीं था. सरकार और पार्टी में राहुल गांधी का ही नियंत्रण था. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को कैबिनेट द्वारा पारित प्रस्ताव की कॉपी फाड़ने का भी अधिकार मिला हुआ था. इसे 'अतिरिक्त संवैधानिक अधिकार' कहा जाता है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की किसी के प्रति जवाबदेही नहीं थी.
कृष्णा के लिए सम्मान खत्म हो गया है- कांग्रेस नेता
वहीं, कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल गांधी पर एसएम कृष्णा के बयान सुनने के बाद जो एक फीसदी सम्मान उनके लिए था वो भी खत्म हो गया. राजनीति में इतना बड़ा कद रखने वाले व्यक्ति का ऐसा बयान देना बिल्कुल बकवास है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि ऐसा क्या है जो उन्हें ऐसे बयान देने के लिए मजबूर कर रहा है.
बयानबाजी से कांग्रेस को नहीं होगा नुकसान
कांग्रेस नेता राव ने कहा कि कृष्णा की इस तरह की बयानबाजी से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि उनकी ही छवि बिगड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी का कोई व्यक्ति एसएम कृष्णा को याद नहीं रखेगा, केवल कांग्रेस ही है जो उनके बारे में बात करेगी. उन्होंने कहा कि लोग अपनी वृद्धावस्था में ध्यान खींचने के लिए ऐसी हरकतें करते रहते हैं. गौरतलब है कि एसएम कृष्णा ने पिछले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सीएम सिद्दारमैया के खिलाफ प्रचार किया था. हालांकि, बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली थी.