Fake Aadhar Card: पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो अवैध तरीके से बगैर किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के लोगों का आधार कार्ड बना रहे थे. पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है इसकी जानाकारी इकट्ठा की है.
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Mumbai Police: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के कांदिवली पुलिस स्टेशन ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो अवैध तरीके से बगैर किसी डॉक्यूमेंट प्रूफ के लोगों का आधार कार्ड बना रहे थे, जब इसकी सूचना पुलिस की एंटी टेररिस्ट सेल को मिली तब इस गैंग के लोगों को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक व्यक्ति को इस गैंग के मेंबर महेंद्र के पास भेजा जो गैरकानूनी तरीके से आधार कार्ड बनाने का मुख्य सूत्रधार था.
पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
पुलिस ने जिस व्यक्ति को इन आरोपियों के पास भेजा था उनका नाम तबरेक है, जबकि अपने असली नाम और पहचान को छुपाते हुए तबरेक ने खुद को इन आरोपियों के सामने रवि यादव बताया और अपने पास डॉक्यूमेंट न होने की जानकारी देते हुए आधार कार्ड बनाने की रिक्वेस्ट की. तबरेक से इस काम के एवज में महेंद्र नमक आरोपी ने 2000 रुपये की मांग रखी और फिर आधार कार्ड के इंट्रोड्यूसर नियम का इस्तेमाल कर एकलव्य एकेडमी के लेटर और स्टैंप की मदद से रवि यादव नाम का आधार कार्ड बनाने के लिए आधार कार्ड सेंटर में मौजूद ऑपरेटर राजकुमार प्रसाद के जरिए नाम एनरॉल कर दिया और जैसे ही राजकुमार ने रवि यादव के नाम का इनरोलमेंट किया पुलिस ने महेंद्र और राजकुमार को गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद जांच के दौरान एकलव्य अकादमी के समीर निवाने को भी गिरफ्तार किया गया.
दरअसल, जिन लोगों के पास डॉक्यूमेंट की कमी होती है ऐसे लोगों के लिए आधार कार्ड बनाने के लिए इंट्रोड्यूसर नियम का इस्तेमाल होता है, जहां जरूरतमंद शख्स समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति जिसमें चुने हुए प्रतिनिधि , एनजीओ और शैक्षणिक संस्था चलाने वाले शामिल हैं उनसे अपनी पहचान सत्यापित करा के आधार कार्ड बना सकते हैं, लेकिन इस मामले में इस सहूलियत का गैर इस्तेमाल दिखाई दिया है.
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में अब तक इनके द्वारा कितने लोगों का कार्ड बनाया गया है इसकी जानाकारी इकट्ठा की है. साथ ही टेररिस्ट एंगल की भी जांच की जा रही है. आपको बता दें कि मुंबई को लगातार बीते कुछ दिनों से दहलाने की धमकियां आ रही हैं. साथ ही बीते दिनों एक आतंकी को मुंबई से एटीएस ने गिरफ्तार कर वेस्ट बंगाल पुलिस को सौंपा है. ऐसे में इस तरह की फर्जीवाड़े के जरिए अगर कोई अपनी पहचान बदल कर मुंबई में रह रहा होगा तो कितना नुकसान हो सकता है इसकी गंभीरता समझ सकते हैं. पुलिस भी मानती है कि ये बेहद ही गंभीर मामला है जिससे निपटना बेहद जरूरी है. यही कारण है कि इस मामले की जांच में एटीएस भी जुटी है. इसलिए इस मामले की जांच गहराई से की जा रही है.
वहीं सायबर और आधार कार्ड एक्सपर्ट ये मानते हैं कि आधार कार्ड बनाने के लिए जिस सिस्टम को फॉलो किया जा रहा है उस सिस्टम में एक बड़ा लूपहोल है जिसे जल्द ठीक किए जाने की जरूरत, अन्यथा असमाजिक तत्वों द्वारा इसका बेजा इस्तेमाल बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.
( इनपुट- अश्विनी पांडे)
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