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नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) में हुई हिंसा के बाद किसानों के प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस बीच आंदोलन को लेकर किसानों का रुख बदला है और अब किसानों का संसद मार्च (Parliament March) दर्ज हो सकता है.
बता दें कि कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 1 फरवरी को संसद मार्च करने का ऐलान किया था, जिस दिन लोक सभा में आम बजट (Budget) पेश किया जाना है. किसान संगठनों की बैठक में संसद मार्च को रद्द करने पर फैसला हो सकता है.
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बता दें कि गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के दिन आंदोलनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल किले तक पहुंच गए और उसकी प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया, जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं. लाल किले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर में भी तोड़फोड़ की. पुलिस ने रात करीब साढ़े 10 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल किला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटा दिया. हजारों प्रदर्शनकारी कई स्थानों पर पुलिस से भिड़े, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.
नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) पिछले 63 दिनों से जारी है और किसान लगातार तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
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