किसान संगठनों और सरकार के बीच आज (बुधवार) होने वाली छठे दौर की वार्ता टल गई है. इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में 14वें दिन भी किसानों का आंदोलन (Farmers Protest) जारी है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरने पर बैठे हैं.
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नई दिल्ली: भारत बंद (Bharat Bandh) के एक दिन बाद नए कृषि कानून (Agriculture Law) पर किसानों और सरकार के बीच आज (बुधवार) होने वाली छठे दौर की वार्ता टल गई है. दोनों पक्षों के बीच अब गुरुवार को बातचीत हो सकती है. इस बीच कृषि कानूनों के विरोध में आज 14वें दिन भी किसानों का आंदोलन जारी है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर अब भी धरने पर बैठे हैं. इस कारण आज भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से लगे दिल्ली के बॉर्डर बंद रहेंगे. किसान आंदोलन के बीच सुबह साढ़े 10 बजे केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. किसानों को भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर चर्चा संभव है.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन (Farmers Protest) के बीच मंगलवार देर शाम को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ 13 किसान नेताओं की बैठक की खबर आई. किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे, जबकि पांच देशभर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे. बैठक रात आठ बजे शुरू हुई, लेकिन यह बातचीत भी बेनतीजा रही.
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गृह मंत्री के साथ बैठक में किसान नेताओं ने नए कृषि कानून से जुड़ी अपनी चिंताओं और सरकार के पक्ष पर चर्चा की. जब किसान नेता बैठक से बाहर निकले तो जो सबसे महत्वपूर्ण बाते सामने आईं. उसके मुताबिक सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तैयार नहीं है. किसानों की मांग के मुताबिक सरकार कानून में संशोधन को तैयार है. सरकार किसानों को आज अपना प्रस्ताव भेजेगी.
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सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए किसान संगठनों की सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर आज बैठक होगी, जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति पर भी चर्चा होगी. 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान इस बात का फैसला करेंगे कि सरकार के साथ आगे की वार्ता होनी है या फिर नहीं. नए कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े किसानों के रुख को देखते हुए इस बात की आशंका भी जाहिर की जा रही है कि सरकार और किसानों के बीच आगे बातचीत की राह मुश्किल हो सकती है.
नए कृषि कानूनों के विरोध में आज विपक्ष का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ((Ram Nath Kovind) से मिलेगा. कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से ज्यादा संख्या में नेताओं के जाने पर रोक है, इसलिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी समेत 5 नेताओं की राष्ट्रपति से मुलाकात होगी.
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