Trending Photos
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 43वें दिन भी जारी है और दिल्ली की तमाम सीमाओं पर डटे किसानों ने गुरुवार को दिल्ली के बाहरी इलाकों में ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों ने ट्रैक्टर मार्च सिंघु बॉर्डर से टीकरी, टीकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल और पलवल से गाजीपुर तक निकाला. किसानों इसे 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर परेड का रिहर्सल बता रहे हैं. बता दें कि किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में टैक्टर परेड निकालने की चेतावनी दी है.
ट्रैक्टर रैली के दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन कानून वापसी तक जारी रहेगा. हम मई 2024 तक आंदोलन के लिए तैयार हैं. जब तक सरकार हमारी मांगें नहीं मान लेगी, तब तक हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा.
किसान रैली की जानकारी देते हुए कहा था कि कि ट्रैक्टर रैली का एक जत्था डासना से अलीगढ़ वाले रुट पर जाएगा, जबकि दूसरा जत्था नोएडा से पलवल रूट पर जाएगा. हमने प्रशासन को अपने रूट के बारे में बता दिया है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैक्टर मार्च दिल्ली में प्रवेश नहीं करेगा और डासना व पलवल तक यात्रा करने के बाद संबंधित सीमाओं पर समाप्त होगा.
लाइव टीवी
कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी. किसान संगठन बैठक में कानूनों को पूरी तरह रद्द करने की मांग पर अड़े रहे, जबकि सरकार कानूनों की खामियों वाले बिंदुओं पर चर्चा करना चाह रही थी. किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की बातचीत 8 जनवरी को होगी.
किसानों और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को हुई छठे दौर की बाचतीच में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार (6 जनवरी) को कृषि कानूनों को रद्द करने और किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई को 11 जनवरी तक स्थगित कर दिया. चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की बेंच ने कहा कि हम किसानों की स्थिति को समझ रहे हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा कि स्थिति में कोई सुधार नहीं है.
VIDEO