दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर कई राज्यों के किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है. किसानों का विरोध-प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.
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नई दिल्ली: दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर (Singhu and Tikri Border) पर कई राज्यों के किसानों का जमावड़ा लगा हुआ है. किसानों का विरोध-प्रदर्शन (Farmers Protest) तीसरे दिन भी जारी है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. दोनों बॉर्डर पर जमकर नारेबाजी हो रही है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार किसानों के मुद्दे सुलझाने में नाकाम रही है. टिकरी बॉडर पर मौजूद किसानों का भी प्रदर्शन जारी है.
कृषि कानून के खिलाफ 'दिल्ली चलो' आंदोलन (Farmers Protest) का आज तीसरा दिन है. सिंघु और टिकरी (Singhu and Tikri Border) में दोनों ओर से यातायात शनिवार को दूसरे दिन भी बाधित रहा. किसान बुराड़ी (Nirankari Ground Burari) नहीं जाना चाहते हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बसों, ट्रकों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से दिल्ली जा रहे किसानों के कारण यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए मुकरबा चौक और जीटीके रोड से ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया है. दिल्ली सीमा पर इकट्ठे हुए किसानों को केवल बुराड़ी मैदान की ओर जाने की अनुमति दी गई थी. हालांकि, सिंघु और टिकरी में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे विरोध के लिए मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान या जंतर-मंतर में जाना चाहते हैं.
इस बीच शुक्रवार शाम को बुराड़ी के मैदान में किसानों के शिविर के लिए पानी और अन्य जरूरी सामानों की व्यवस्था की गई. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी विरोध स्थल की देखरेख कर रहे हैं और सिंघु-टिकरी सीमाओं पर लगातार सतर्कता बरती जा रही थी. पुलिस अधिकारियों के अनुरोध के बाद भी किसान बुराड़ी न जाने के लिए अड़े हुए हैं क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनका तीन कृषि कानूनों के विरोध में केन्द्र के खिलाफ चल रहा आंदोलन कमजोर हो जाएगा. इसी बीच बुराड़ी के निरंकारी मैदान भेजे गए किसानों का एक हिस्सा यह कहकर लौट आया है कि "यह उन्हें भ्रमित करने की रणनीति है".
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एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघु बॉडर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे. उन्होंने कहा, 'हम यहीं (सिंघु बॉडर) प्रदर्शन जारी रखेंगे. हम घर वापस नहीं जाएंगे. पंजाब और हरियाणा से हजारों किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए हैं.'
गौरतलब है कि शुक्रवार को सीमा पर पुलिस के आंसू गैस एवं पानी के बौछार का सामना करने के बाद सैकड़ों किसान दिल्ली में प्रवेश किए अब भी हजारों किसान सीमा पर जमे हैं और उन्होंने अबतक प्रशासन द्वारा तय धरना स्थल पर प्रदर्शन करने को लेकर फैसला नहीं किया है.
किसानों के प्रदर्शन पर राजनीति
किसानों के प्रदर्शन पर राजनीति भी हो रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली पहुंचने से रोके जाने के प्रयास को लेकर शनिवार को सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार’ ने जवान को किसान के खिलाफ खड़ा कर दिया है. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया कि दिल्ली आने वाले पूंजीपतियों के लिए लाल कालीन बिछाई जाती है, जबकि किसानों के आने पर रास्ते खोदे जा रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'बीजेपी किसानों को 'गुंडा' कह रही है. यही है इस पार्टी की असलियत. जय जवान जय किसान के देश में किसान का ये अपमान!!!'