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Spike Anti-Tank Guided Missile: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में कई हथियारों ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. इन हथियारों में यूक्रेन के पास मौजूद एंटी टैंक मिसाइल शीर्ष पर है. अमेरिका निर्मित जेवलिन एटीजीएम और पश्चिमी नेक्स्ट जेनरेशन हल्की एंटी टैंक लाइट मिसाइल (एनएलएडब्ल्यू) से लैस यूक्रेनी सैनिकों ने सैकड़ों रूसी टैंक और बख्तरबंद वाहनों को तबाह किया है. ऐसी ही एक मिसाइल भारतीय सेना के पास भी है. आइये आपको बताते हैं भारत के पास मौजूद इस घातक मिसाइल के बारे में.
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ दो साल के लंबे सैन्य टकराव के बीच भारतीय सेना और वायुसेना ने लंबी दूरी और टारगेट को दक्षता से भेदने वाली एडवांस इजरायली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) को अपनी खेप में शामिल करने की योजना बनाई थी. चीन के साथ सैन्य गतिरोध के कारण पिछले साल इमरजेंसी खरीद के तहत इजरायल के 'टैंक किलर' का ऑर्डर दिया गया था. 2019 के शुरुआत में चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच भारत सरकार ने आपातकालीन स्थिति में 240 स्पाइक MR मिसाइल और 12 लॉन्चर्स मंगाए थे. 2019 के अंत तक इन मिसाइलों को भारतीय सेना में शामिल भी कर दिया गया.
ये इजरायली एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल भी यूक्रेन के पास मौजूद मिसाइलों की तरह ही घातक है. सेना स्पाइक LR-2 लॉन्चर और मिसाइलों को अपने बेड़े में शामिल कर रही है. इन मिसाइलों की ग्राउंड स्ट्राइक रेंज 5.5-किमी है. वहीं, IAF अपने रूसी मूल के Mi-17 V5 हेलीकॉप्टरों को स्पाइक NLOS (नॉन-लाइन ऑफ विजन) मिसाइलों से लैस कर रहा है. यह लगभग 30 किमी दूर जमीनी लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है.
इसकी मारक क्षमता इतनी है कि टारगेट इससे बच ही नहीं सकता. ये छिपे हुए टारगेट को भी तबाह करने तक पीछा करती है, यानी इसे दुश्मन पर लांच करने के बाद भूल जाना है. ये मिसाइल टारगेट को हिट करेगी ही. इजरायल इसे 1981 से इस्तेमाल कर रहा है. दुनिया के 35 देश इस मिसाइल पर भरोसा करते हैं और इसे उन्नत हथियारों की श्रेणी में रखते हैं.
इन मिसाइलों के इस्तेमाल से भारतीय सेना सिर्फ टैंक ही नहीं बल्कि कम ऊंचाई पर उड़ रहे दुश्मन हेलिकॉप्टर और विमानों को भी तबाह कर सकती है. Spike ATGMs के 9 वैरिएंट्स Spike-SR, Spike-MR, Spike-LR, Spike-LR2, Spike-ER, Spike-ER2, Spike NLOS, Mini-Spike और Almas हैं.
Spike ATGMs की लंबाई लगभग 3 फीट 11 इंच होती है. अलग-अलग वैरिएंट्स में इसकी लंबाई और वजन में थोड़ा बहुत अंतर होता है. इसे लॉन्च करने लिए तैयार होने में मात्र 30 सेकेंड लगता और फिर 15 सेकेंड में इसे रीलोड भी कर सकते हैं.
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