Jammu Kashmir: सेना और J&K पुलिस से मिला विदेशी प्रतिनिधिमंडल, महत्वपूर्ण मसलों पर हुई चर्चा
Advertisement
trendingNow1850564

Jammu Kashmir: सेना और J&K पुलिस से मिला विदेशी प्रतिनिधिमंडल, महत्वपूर्ण मसलों पर हुई चर्चा

यूरोप, एशिया, दक्षिण अमेरिेका और अफ्रीका के विभिन्न देशों के राजनयिक  जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के दो दिवसीय दौरे पर हैं. दौरे के दूसरे दिन 24 विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल ने सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात की. 

बैठक के दौरान भारतीय सेना व जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधकारी और विदेशी राजनयिक.

श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के दौरे के दूसरे दिन विदेशी प्रतिनिधिमंडल और भारतीय सेना (India) व जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक हुई. इस दौरान आतंकवाद, पाकिस्तान की भूमिका और सुरक्षा व्यव्स्था के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रतिनिधमंडल में इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) के चार देशों-मलेशिया, बांग्लादेश, सेनेगल और ताजिकिस्तान के राजनयिक भी शामिल हैं.

पाकिस्तान की हरकतों की खुली पोल
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में भारतीय सेना (Indian Army) और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 24 विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी कि सेना ने घुसपैठ की कोशिशों को कैसे नाकाम किया है. 1948 में बारामुला में अत्याचार, सुरंग, ड्रोन का उपयोग, मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादियों की संख्या और सोशल मीडिया के जरिए आतंकियों की भर्ती में पाकिस्तान (Pakistan) की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण मामलों के बारे में भी विदेशी प्रतिनिधिमंडल को जानकारी दी गई. सेना ने यह भी बताया कि बीते एक दशक में मारे गए आतंकवादियों में से 54 पर्सेंट सीमापार से घुसपैठ कर आए थे. आतंकवादियों को आत्मसमर्पण कराने में सुरक्षाबलों की भूमिका के बारे में भी बताया. सेना ने कहा, धारा 370 (Article 370) हटाए जाने के बाद पथराव की घटनाओं में कमी आई है. शांतिपूर्ण तरीके से डीडीसी चुनाव कराए गए हैं. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दस हजार छात्रों वाले 44 आर्मी गुडविल स्कूलों के बारे में भी जानकारी दी गई है. 

यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir पुलिस ने आतंकवादियों के 2 मददगारों को किया गिरफ्तार, LET और TUM से है संबंध

18 महीने में यह तीसरा दौरा 
बता दें, कई देशों के राजनयिकों का जम्मू कश्मीर का दो दिवसीय दौरा बुधवार से शुरू हुआ है. ये प्रतिनिधिमंडल केंद्रशासित प्रदेश में खासकर जिला विकास परिषदों (DDC) के चुनाव के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचा है. प्रतिनिधिमंडल में ब्राजील, इटली, फिनलैंड, क्यूबा, चिली, पुर्तगाल, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्पेन, स्वीडन, किर्गिस्तान, आयरलैंड, घाना, एस्टोनिया, बोलिविया, मालावी, इरिट्रिया और आइवरी कोस्ट के राजनयिक भी शामिल हैं. उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था. केंद्र के इस फैसले के बाद पिछले 18 महीने में विदेशी राजनयिकों का यह तीसरा दौरा है.

LIVE TV

Trending news